“हम सब लोग बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि प्लास्टिक हमारे जीवन और पर्यावरण, दोनों के लिए हानिकारक है। लेकिन फिर भी हम इस बात को अनदेखा करते हैं। क्योंकि हमारी जीवनशैली में प्लास्टिक रच-बस चुका है और इसलिए अब हमें लगता है कि बिना प्लास्टिक जीवन मुमकिन नहीं है। हालांकि, अगर हम एक कोशिश करें, तो सिंगल यूज प्लास्टिक को बहुत हद तक अपने जीवन से कम कर सकते हैं,” यह कहना है कानपुर के रहनेवाले सुधीर सिंह का।
सुधीर सिंह पिछले लगभग दो सालों से अपनी जीवनशैली को सिंगल यूज प्लास्टिक-फ्री (plastic free lifestyle) बनाने के लिए प्रयासरत हैं। बहुत हद तक वह अपनी कोशिशों में कामयाब भी हुए हैं।
पिछले कई सालों से मीडिया इंडस्ट्री में काम कर रहे सुधीर सिंह ने 2019 में अपने जन्मदिन के मौके पर यह तय किया कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सबसे पहले उन्होंने निजी स्तर पर यह पहल की और अब अपने परिवार को भी इस राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
सुधीर सिंह बताते हैं कि उन्होंने फैसला तो कर लिया था, लेकिन शुरुआत इतनी आसान नहीं थी। क्योंकि आप एक दिन में अपनी आदत नहीं बदल सकते हैं। लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे, इस मुश्किल काम को आसान बना ही लिया। सुधीर कहते हैं, “मैंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला लिया था। उस समय मैं अकेला रह रहा था। मैंने अपने जन्मदिन की रात को तय किया किअब से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करूंगा। लेकिन दूसरे दिन उठा, तो आदत के अनुसार सबसे पहले पानी पिया। फिर ध्यान में आया कि पानी पीने के लिए भी घर में प्लास्टिक की बोतल ही है। मैंने सबसे पहले वहां बदलाव किया और प्लास्टिक की जगह स्टील की बोतल इस्तेमाल करने लगा।”
कुछ चीजों का तो स्थायी विकल्प उन्हें मिल गया। लेकिन और भी बहुत सी आदतों को बदलने के लिए, उन्हें थोड़ी मेहनत करनी पड़ी। सुधीर कहते हैं कि सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक राशन या ग्रोसरी की खरीददारी के समय घर में आता है और दोबारा बहुत ही कम इस्तेमाल होता है। इसलिए उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना था कि वे खरीददारी के लिए कपड़ों के थैले इस्तेमाल करें।