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अब राजधानी में किराएदारों से भी कचरा शुल्क (Garbage Collection Fee) वसूला जाएगा। इसके लिए मकान मालिकों से किराएदारों की सूची मांगी जाएगी। विस्तृत जानकारी टैक्स कलेक्टर के माध्यम से भी प्राप्त की जाएगी। वहीं, होल्डिंग टैक्स (Holding Tax) के साथ कचरा संग्रह शुल्क की वसूली पर रोक लगा दी गई है। एजेंसी को निर्देश दिया गया कि कचरा शुल्क देने वाले लोगों को अलग से रसीद दें। यह निर्णय महापौर सीता साहू (Mayor Sita Sahu) और नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को हुई स्थाई समिति (Standing Committee) की बैठक में लिया है। महापौर ने स्पष्ट कहा कि शहरवासी भ्रम की स्थिति में नहीं रहें। बैठक में घोषणा की गई कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क हर घर एवं प्रतिष्ठान से लिया जाएगा।

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पांच लाख से ज्यादा हैं किरायेदार

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पटना नगर निगम क्षेत्र में पांच लाख से अधिक किरायेदार हैं। प्रत्येक किरायेदार से 30 रुपये घरेलू कचरा शुल्क वसूला जाएगा। इससे नगर निगम के मासिक कचरा शुल्क में 15 लाख रुपये वृद्धि होने की संभावना है। पिछले तीन माह में निगम नौ लाख रुपये कचरा शुल्क के रूप में वसूला है। होल्डिंग टैक्स के साथ इस राशि को वसूला गया है। शहर वासियों को यह छूट दी गई है कि वह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क की राशि का भुगतान त्रैमासिक, अर्धवार्षिक व वार्षिक कर सकते हैं।

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गीला कचरा प्रोसेस स्वयं करने पर 50 फीसद की मिलेगी छूट

अपने घर एवं प्रतिष्ठान में गीले कचरे की प्रोसेंसिंग स्वयं करने वाले उपभोक्ताओं से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क में  50 फीसद की छूट मिलेगी। गीले कचरे में कमी लाने के लिए छूट दी गई है। बैठक में उपमहापौर मीरा देवी, स्थाई समिति के सदस्य मुन्ना जयसवाल, दीपा रानी खान, इंद्रदीप चंद्रवंशी, कावेरी सिंह एवं पटना नगर निगम के पदाधिकारी मौजूद थे। 

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