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कहते हैं कि अगर कोई इंसान मजबूत इरादे से किसी काम को करे तो दुनिया की कोई ताकत उसे हरा नहीं सकती। हमेशा से ही डॉक्टर और आईएएस बनने का सपना लिए डॉ भारती दीक्षित ने अपने सभी सपनों को मेहनत और दृढ़ निश्चय के बलबूते पूरा किया है। साल 2013 की आईएस परीक्षा में डॉ भारती दीक्षित ने 5वी रैंक हासिल की थी। यह सफलता उन्हें अपने पहले ही प्रयास में मिल गई।

दिल्ली की रहने वाली भारती ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से पूरी की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा देने से पहले उन्होंने 2012 में यूपीएससी संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा भी दी थी। जिसमें उन्होंने 13वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने सीएमएस की परीक्षा तो पास कर ली थी लेकिन मन में आईएएस बनने का सपना हमेशा से ही था। उनके सपनों को उड़ान देने में माता-पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। भारती के माता-पिता अपनी बेटी के साथ हर समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

हमेशा से ही कक्षा में अव्वल आने वाली भारती दीक्षित ने यूपीएससी के प्रीलिम्स एग्जाम से 3 महीने पहले अपनी तैयारी शुरू की थी। अपने ग्रेजुएशन के विषय मेडिकल साइंस को ही उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। उनका मानना है कि सटीक रणनीति के ज़रिए सफलता प्राप्त की जा सकती है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने सबसे पहले एनसीईआरटी का अध्ययन किया। करंट अफेयर्स की जानकारी के लिए वह नियमित रूप से द हिंदू अखबार पढ़ती थी। इसके साथ ही राज्यसभा टीवी के कार्यक्रम देखना उनकी तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा था।

अपनी सफलता के विषय में वह कहती हैं कि हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही मायने में वही विजेता होता है, जो उन सभी उतार-चढ़ाव को पार कर जाता है। उनकी सफलता का मुख्य कारण उनका आत्मविश्वास रहा है।

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