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पुलिस को लेकर लोगों के विचार अक्सर बदलते रहते हैं. कहीं पुलिस के किसी अच्छे कार्य पर उनकी प्रशंसा होती है तो दूसरे ही दिन कोई ऐसी घटना सामने आ जाती है कि पुलिस आलोचनाओं से घिर जाती है. अब सवाल ये है कि असल में पुलिस कैसी होनी चाहिए ? तो इसका जवाब है कि थाना प्रभारी हनुमंत लाल तिवारी जैसी. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों पुलिस की छवि इस थाना प्रभारी जैसी होनी चाहिए. 

क्या खास है हनुमंत तिवारी में !

पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है. इनका फर्ज है कि यह हर नागरिक को संकट से बचाएं लेकिन हनुमंत तिवारी केवल जनता के रक्षक ही नहीं बल्कि बेसहारा लोगों का सहारा भी बन जाते हैं. हनुमंत लाल तिवारी उस समय चर्चा में आए जब इन्होंने अपनी मुंह बोली बहन का विवाह बड़े ही धूमधाम से संपन्न करवाया. मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर कस्बा के सिकंद्राबाद का है. यहां के निवासी विचल त्रिवेदी की बीते वर्ष मौत हो गई. उनके घर पर में पड़ी टिन की शेड में करंट आ गया. अनजाने में उस शेड को छूने के कारण ही विचल तिवारी की मौत हो गई. उनकी मौत के बाद उनका पूरा परिवार बिखर गया. इस बिखरते परिवार को सहारा मिला कस्बे की पुलिस चौकी पर तैनात प्रभारी हनुमंत लाल तिवारी का. उन्होंने विचल त्रिवेदी की बेटी को अपनी बहन माना और उससे राखी बंधवा ली. थाना प्रभारी हनुमंत ने जब उसे बहन माना तो साथ ही साथ उसके विवाह की जिम्मेदारी भी ले ली.

जो वचन दिया उसे पूरा किया

इसके बाद हनुमंत लाल तिवारी मझगई चौकी के थाना प्रभारी हो गए लेकिन इसके बावजूद वह अपनी जिम्मेदारी नहीं भूले. उन्होंने परिवार के लोगों की सहमति से दिवंगत विचल त्रिवेदी की बेटी अनीता का विवाह बड़े ही धूमधाम से करवाया. दिवंगत की पत्नी कमलेश त्रिवेदी के अनुसार हनुमंत लाल तिवारी ने उनके परिवार के प्रति एक बेटा का हर फर्ज निभाया है. हनुमंत अनीता के तिलक में भी गये थे. विवाह का सारा खर्च थाना प्रभारी हनुमंत ने ही उठाया. इसके अलावा वह अनीता की शादी में एक भाई की तरह अतिथियों के स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़े रहे. हनुमंत लाल तिवारी के अनुसार दिवंगत विचल का परिवार बेहद गरीब है. वह अपनी मौत के बाद पीछे पत्नी सहित तीन बेटियां तथा एक बेटे को छोड़ गए हैं. बेटा अभी इतना छोटा है कि घर की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता. थाना प्रभारी हनुमंत कहते हैं कि वह कहीं भी रहें, उस परिवार की हर संभव मदद करते रहेंगे.

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