सरकार ने 2019 से कोई सबक नहीं ली। पटना में जिस तरह 2019 में जल जमाव हुआ, उसी तरह 2021 में पटना के 150 से अधिक मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। सरकार से लेकर निगम तक का झूठ पानी में तैरता दिख रहा है। जिम्मेदारों ने 2019 से सबक ली होती और जल निकासी का कोई ठोस इंतजाम किया होता तो पटना फिर न डूबता।

मानसून पहले आया है और अलर्ट सामान्य से अधिक बारिश को लेकर है। ऐसे में पटना में जल जमाव का खतरा आने वाले समय में बढ़ सकता है।

3 दिनों की बारिश में डूबा था पटना

2019 से लेकर 2021 के बीच हालात बिगड़े हैं। 2019 में 28, 29 और 30 सितंबर को तीन दिनों में हुई बारिश ने पटना को डुबो दिया था। 28 सितंबर को 158 MM, 29 सितंबर को 227 MM और 30 सितंबर को 91.6 MM बारिश हुई थी। तीन दिनों की बारिश का असर हुआ कि 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पटना डूब गया।

इस बार 12 घंटे में 145 MM बारिश हुई है। एक दिन में ही पटना में जिस तरह से बारिश हुई है, ऐसे ही आगे भी हुई तो पटना का हाल 2019 से भी खराब होग। मौसम विभाग का जिस तरह से अलर्ट आ रहा है, उससे तय है कि इस बार भी बारिश रिकॉर्ड तोड़ने वाली होगी।

किदवईपुरी इलाके में जलजमाव का हाल।

किदवईपुरी इलाके में जलजमाव का हाल।

इस बार पटना के डूबने का यह बड़ा कारण
2019 में पटना की सड़कों और मोहल्लों में इतनी खुदाई नहीं हुई थी। 2021 में सड़क और गली-मोहल्लों में काफी खुदाई हो गई है। पटना में 76 जगह ऐसी हैं, जहां सड़कों की खुदाई से गड्‌ढा हो गया है। यहां कम बारिश में ही जलजमाव की स्थिति हो जाती है। शुक्रवार की रात बारिश में तो इन मोहल्लों में लोगों का रहना मुश्किल हो गया। घरों में पानी घुस गया और लोगों को इधर-उधर शरण लेनी पड़ी। पटना में एक दिन की बारिश में 150 से अधिक मोहल्लों में जलजमाव हो गया है।

बारिश का रिकॉर्ड

  • जून 2014 में 115.2 MM
  • जून 2015 में 123.8 MM
  • जून 2016 में 128.8 MM
  • जून 2017 में 84.6 MM
  • जून 2018 में 103.3 MM
  • जून 2019 में 97.8 MM
  • जून 2020 में 305 MM
  • 25 जून की शाम से 26 जून की सुबह तक145 MM
बोरिंग रोड से सटे इलाके का हाल।

बोरिंग रोड से सटे इलाके का हाल।

इस कारण पटना में 2019 वाला हाल

  • नालों से सिल्ट की पूरी तरह से सफाई नहीं होना।
  • जिन इलाकों में सीवरेज पाइप बिछाया गया, उनको छोटे नालों से लिंक नहीं किया गया।
  • कई जगह सड़कों से नाले का लेबल ऊपर हो गया है।
  • राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्रा की तरह अन्य इलाकों में सीवरेज पाइप के लिए खुदाई कर छोड़ दिया गया।
  • अधिकतर जगहों पर मेन होल का अता-पता नहीं है।
  • नालियों पर अतिक्रमण को नहीं हटाया जा सका है।
  • ड्रेनेज और सीवरेज के लिए व्यवस्था सही नहीं, कई जगह पाइप डैमेज है।

सम्प हाउस बढ़ाया गया, लेकिन व्यवस्था नाकाफी

2019 की अपेक्षा 2021 में केवल सम्प हाउस की संख्या बढ़ाई गई है। इसकी संख्या बढ़ाकर 47 कर दी गई है, लेकिन मोहल्लों में सड़कों की खुदाई से ही व्यवस्था भारी हो गई है। ऐसे में सम्प हाउस से भी लोगों को राहत नहीं मिल पाएगी। पटना के निचले इलाकों में हल्की बारिश में ही जलजमाव की स्थिति हो रही थी, लेकिन कोई काम नहीं किया गया और जब बारिश हुई तो पोल खुल गई है।

शुक्रवार को बारिश के बाद इन मोहल्ले में लोगों को बाहर निकलना मुश्किल हो गया। पाटलिपुत्र की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से ऐसे निचले इलाकों में परेशानी होगी।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.