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यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | upsc के अभ्यर्थी अपना घर परिवार खाना पीना सब भूल कर खुद को इस परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह से झोंक देते हैं.भारत एक ऐसा देश जहां हर साल करोड़ों छात्र आईएएस और आईपीएस बनने का सपना लेकर यूपीएससी के परीक्षा में बैठते है लेकिन इन लाखों की भीड़ में कुछ ही ऐसे स्टूडेंट्स होते हैं जिन्हें सफलता मिलती है। आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसी शख्स के बारे में जिन्होंने कड़ी मेहनत कर मुश्किल हालात में भी पढ़ाई की और परीक्षा में पास हुई।

आपको बता दे की ये देवरानी-जेठानी की अनोखी जोड़ी है UP के बलिया जिले की, जिन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की साल 2018 की परीक्षा उत्तीर्ण की। इनमें से जेठानी शालिनी श्रीवास्तव (Shalini Srivastava) का सलेक्शन प्रिंसिपल की पोस्ट के लिए हुआ और देवरानी नमिता शरण (Namita Sharan) का सलेक्शन पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट के लिए हुआ।

सारे गाँव में छाया ख़ुशी का माहौल : खबरों की माने तो शालिनी और नमिता दोनों बलिया के सिकंदरपुर क्षेत्र के बनहरा में रहने वाले डॉ. ओम प्रकाश सिन्हा की बहुएँ हैं। UP लोक सेवा आयोग द्वारा शुक्रवार के दिन PCS 2018 के रिजल्ट की घोषणा की गई थी। इन दोनों देवरानी-जेठानी ने जो कामयाबी प्राप्त की है उससे ना सिर्फ़ उनके परिवार वाले बल्कि उनके सारे गाँव में तारीफ हो रही है और सभी खुश हैं। बता दें कि शालिनी पहले बलिया के सहतवार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रजौली में अध्यापक के पद पर काम किया करती थीं। इस समय वे वाराणसी के रामनगर स्थित राधाकिशोरी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापिका की पोस्ट पर कार्यरत हैं।

जेठानी बनी ​प्रिंसिपल और देवरानी DSP : जानकारी के लिए बता दे की डॉ. ओमप्रकाश सिन्हा का हेल्थ डिपार्टमेंट में चिकित्सक की पोस्ट से रिटायरमेंट हुआ है। उनका बड़ा बेटा डॉ. सौरभ कुमार उदयपुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। शालिनी और सौरभ का विवाह वर्ष 2011 में हुआ था, तब शालिनी एक प्राइमरी स्कूल में टीचर हुआ करती थीं। विवाह पश्चात भी शालिनी ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और फिर मेहनत करके कामयाबी प्राप्त की। अभी वे रामनगर GGIC में अध्यापिका हैं। अब PCS 2018 के नतीजों की घोषणा होने के बाद शालिनी का सिलेक्शन प्रिंसिपल की पोस्ट पर हो गया है।

बताते चले की डॉ. सिन्हा के दूसरे बेटे शिशिर गोरखपुर में बैंक में PO के पद पर कार्यरत हैं। शिशिर और नमिता का विवाह साल 2014 में हुआ था। नमिता भी गोरखपुर बैंक में PO की पोस्ट पर ही काम करती थीं। फिर उनका सिलेक्शन पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट पर हो गया। अपनी दोनों होनहार बहुओं की कामयाबी पर डॉ. सिन्हा बहुत प्रसन्न हैं। वे बताते हैं कि उनका तीसरा बेटा भी दिल्ली में रहकर कंपटीशन एग्जाम की तैयारी में लगा हुआ है।

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