दरभंगा : लक्ष्मीसागर निवासी विजय कुमार झा के छोटे पुत्र अनुराग आनंद ने पहले की प्रयास में बीपीएससी में तीसरा स्थान बनाकर परिवार का मान बढ़ाया है. बिहार पब्लिग सर्विस कमीशन (बीपीएससी) में प्राप्त सफलता के बाद पुरे परिवार में जश्न का माहौल है. साथ ही सुभचिंतकों की ओर से लगातार बधाई मिल रही है.

यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा. रविवार की शाम रिजल्ट देखकर परिवार में मां इन्दु झा के आंखों से खुशी के आंसु छलक पड़े. लहेरियासराय स्थित एसबीआई सीएसइ में ब्रांच मैनेजर के रूप में कार्यरत पिता का चेहरा खिल उठा. बता दें कि अनुराग बीपीएससी प्रतियोगिता में सफलता के लिये किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. रोजाना अनवरत रूप से आठ से दस घंटा की पढ़ाई ने अनुराग को यह मुकाम दिलाई.

अनुराग दरभंगा में डीएवी विद्यालय से 10वीं उत्तीर्ण की. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये रांची चले गये. वहां रांची विद्या मंदिर से 10 प्लस टू पास किया. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये दिल्ली चले गये. 2016 में आइआईटी से बीटेक किया. उसके बाद आइसीआइसीआई बैंक से नौकरी का ऑफर आया. लेकिन उनका सपना यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना था. लिहाजा तैयारी को लेकर उन्होंने अपने आपको झोंक दिया.

इस बीच दो बार यूपीएससी मेन का दो बार इक्जाम दिया, लेकिन असफलता मिली. बावजूद वह नहीं डिगे. अपने लक्ष्य को साधते हुये बीपीएससी की परीक्षा दी. और पहले ही प्रयास मे पुरे बिहार में तीसरा रैंक प्राप्त किया. अनुराग ने बताया कि यूपीएससी में असफल होने के बाद शुरूआत में थोड़ा सा मानसिक दवाब आया. लेकिन उसको दरकिनार करते हुये फिर से पढ़ाई में मन लगाया. इसमें पुरे परिवार के सदस्य व दोस्तों ने पुरा साथ दिया. कहा कि सच्ची लगन व अपनों के साथ ने आगे बढ़ने में सहयोग किया.

उसी का नतीजा है कि वह आज बीपीएससी में अच्छा रैंक प्राप्त कर सके. कहा कि उन्होंने किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली, मोबाइल पर यूटयूब व टेलिग्राम सोशल साइट पर जाकर पढ़ाई के लिये मैटेरियल प्राप्त किया. बताया कि कोई भी स्टूडेंट किसी भी मुकाम पर पहुंच सकता है. इसके लिये दिल्ली या अन्य महानगरों में जाने की आवश्यक्ता नहीं है.

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