बिहार में कोरोना महामारी से त्राहिमाम मचा है. राज्य में संक्रमण बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है. सूबे के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी कमी देखी जा रही है. इधर शुक्रवार को देर शाम से ट्विटर पर #ResignMangalPandey ट्रेंड कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्री कार्यशैली से नाराज लोग उनका इस्तीफा मांग रहे हैं.

दरअसल 4 घंटा पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर “बिहारी नंबर वन” नाम के पेज से एक पोस्ट शेयर किया गया और लोगों से कहा गया कि शुक्रवार की रात 8 बजे से 10 बजे तक ट्विटर पर #ResignMangalPandey ट्रेंट कराना है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा पोस्ट क्यों किया गया. दरअसल इस पूरे पोस्ट में ये लिखा गया है कि “बिहारियों, आज से 25 साल बाद आपके बेटे पोते पूछेंगे आपसे की जिस आदमी के स्वास्थ्य मंत्री रहते मुजफ्फरपुर की चमकी एक राष्ट्रीय आपदा बन गया.

पटना के डेंगू ने कोहराम मचा दिया. अस्पतालों में डॉक्टर, बेड और ऑक्सीजन की कमी के वजह से लोग दम तोड़कर मर रहे थे. वो अमंगल पांडे कैसे वर्षों तक स्वास्थ्य मंत्री की कुर्सी पर जोंक बनकर चिपके रह सका ? वो आपसे पूछेंगे की उस निकम्मे को हटाने के लिए बिहारी चेतनाशील समाज ने आवाज भी नहीं उठाया.”

फेसबुक के इस पोस्ट में आगे कहा गया है कि “बिहार में स्वास्थ्य विभाग के बर्बादी के अनेक दोषी हैं लेकिन सबसे बड़ा दोषी है मंगल पांडे. जब तक ये आदमी पद पर है, स्थिति सुधरने की उम्मीद बेईमानी है. बिहार के बचाव के लिए इस नकारा आदमी को स्वस्थानम गच्छ करना होगा. मंत्री पद से विसर्जित करवाइए. आवाज उठाइए #ResignMangalPandey को रात में 8:00 से 10:00 ट्विटर पर ट्रेंड कराइये. जबतक ये रिजाइन ना दे या जबतक इसको हटाया ना जाए…हमें आवाज उठाना होगा.”

उधर मंगल पांडेय ने कहा कि “केंद्र सरकार ने जहां बिहार के लिए रेडमेसिविर इंजेक्शन का कोटा बढ़ा दिया है, वहीं राज्य की 15 जगहों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की प्रक्रिया की शुरूआत कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पूर्व में 21 अप्रैल से 9 मई तक बिहार को आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा बढ़ाकर अब 21 अप्रैल से 16 मई तक एक लाख 50 हजार कर दिया गया है. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जिलेवार आवंटन में परिवर्तन किया है.”

पांडेय ने कहा कि “अब नई व्यवस्था के तहत आवंटन की मात्रा का 50 प्रतिशत भाग सिविल सर्जन द्वारा जिलातंर्गत जिला के सरकारी अस्पतालों में उपयोग करने एवं शेष 50 प्रतिशत चिह्नित निजी अस्पतालों में इलाजरात रोगियों के लिए निर्देशित किया गया है. पटना जिला सिविल सर्जन को आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन के कुल आवंटन का 20 प्रतिशत भाग का उपयोग सरकारी अस्पताल में किया जाएगा. शेष 80 प्रतिशत भाग पटना जिला के चिह्नित निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीजों के लिए पूर्व में निर्धारित व्यवस्था के तहत आवंटित किया जाएगा. जबकि पटना को छोड़कर अन्य जिलों में यह अनुपात 50-50 प्रतिशत का रहेगा.”

साभार – first bihar

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