बिहार में कोरोना की भयावह स्थिति से निपटने में लगी सरकार ने विधायक औऱ विधान पार्षद फंड में भारी कटौती कर दी है. बिहार के तमाम MLA-MLC के फंड से दो-दो करोड़ रूपये ले लिये गये हैं. सरकार ने इस तरीके से 600 करोड़ रूपये से ज्यादा जुटा लिया है.

योजना विकास विभाग ने निकाला पत्र
बिहार सरकार के योजना एवं विकास विभाग ने इस बाबत पत्र निकाला है. विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओऱ से जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी की बिहार में रोकथाम औऱ इससे संक्रमित लोगों के इलाज के बंदोबस्त के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि विधायक-विधानपार्षद फंड से पैसे लिये जायें. अब उनके फंड से दो-दो करोड़ रूपये की राशि ली जायेगी जिसे स्वास्थ्य विभाग के कोरोना उन्मूलन कोष में जमा किया जायेगा.

हम आपको बता दें कि बिहार में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के नाम पर विधायकों औऱ विधानपार्षदों को फंड मिलता है. हर MLA या MLC को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ की राशि मिलती है, जिसे उनकी अनुशंसा पर खर्च किया जाता है. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में विधायकों,विधान पार्षदों की अनुशंसा पर खर्च होने वाली तीन करोड़ रूपये की राशि में से दो करोड़ की कटौती कर ली है. अब विधायक-विधान पार्षद सिर्फ एक करोड़ रूपये ही खर्च पायेंगे.

सरकार के पास 600 करोड़ रूपये से ज्यादा आये
बिहार में अभी विधायकों की संख्या 242 है. वहीं विधान पार्षदों की संख्या भी 70 के करीब है. दोनों की संख्या जोड़ कर 312 होती है. ऐसे में सरकार के कोरोना उन्मूलन कोष में 624 करोड़ रूपये जमा हो जायेंगे. हालांकि कई विधायक औऱ विधान पार्षदों ने पहले ही कोरोना से निपटने के लिए अपने फंड से पैसे देने का एलान कर रखा है. इनमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी शामिल हैं. सवाल उठता है कि उस एलान का क्या होगा.

वैसे मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से दो-दो करोड़ रूपये लेने के लिए आज जारी पत्र में कहा गया है कि इस दो करोड़ के अलावा भी कोई विधायक या विधान पार्षद पैसा देना चाहते हैं तो सरकार उसका स्वागत करेगी.

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