पटना जिले के सभी सिविल कोर्ट और अनुमंडलीय कोर्ट में जिला जज प्रशासन ने आगामी 12 मई तक किसी भी मुकदमे की सुनवाई को बंद कर दिया है। किसी के भी कोर्ट परिसर में जाने पर रोक लगा दी गयी है। दोनों गेट पर पुलिस प्रशासन को तैनात कर दिया गया है।

बंद की सूचना जिला जज प्रशासन ने जिले के सभी अधिवक्ता संघ को भेज दी है। दरअसल, 22 अप्रैल से ही पटना जिला के सभी कोर्ट न्यायिक कार्य बंद कर दिया गया था। जेल में बंद आरोपित की नियमित जमानत और अग्रिम जमानत समेत किसी भी आपराधिक और सिविल मुकदमों की सुनवाई बंद कर दी गई।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह फैसला किया गया है। वहीं दूसरी ओर न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपने-अपने मोबाइल फोन को ऑन रखने का निर्देश दिया है। पुलिस प्रशासन द्वारा आपराधिक कांडों में गिरफ्तार आरोपितों को जेल भेजने के लिए कोर्ट द्वारा रिमांड कार्य किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से कई न्यायिक पदाधिकारी, कोर्ट कर्मचारी, अभियोजन पदाधिकारी व वकील पीड़ित हैं। पटना जिला अधिवक्ता संघ के वकीलों द्वारा न्यायिक कार्य से अपने-आप को अलग रखने का निर्णय ल लिया गया है। 

कोरोना संक्रमण से एक न्यायिक पदाधिकारी और एक कोर्ट कर्मचारी और एक दर्जन से अधिक बंद वकीलो की मौत हो चुकी है। पटना हाईकोर्ट के सरकारी वकील, विधि को पत्रकार और पटना हाईकोर्ट के कई चर्चित वकीलों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी है। पटना सिविल में कोर्ट में पिछले 22 अप्रैल से सन्नाटा छाया हुआ है। कोर्ट कार्यालय, इजलास और वकालतखाना में सन्नाटा पसरा हुआ है। कोर्ट के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया है।

input – first bihar

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