वारंगल के गोपालपुरम गांव के रहने वाले राजकुमार मुप्पारापु को रोज़ाना अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए 20 किमी की यात्रा करनी पड़ती है। इस लंबी दूरी को तय करने के लिए वह अपनी बाइक का इस्तेमाल करते थे। हालांकि हाल ही में बढ़ती पेट्रोल की कीमतों ने मामले को बदतर बना दिया था और उनका मासिक खर्च बढ़ता जा रहा था।

इस मुसीबत से निजात पाने के लिए राजकुमार ने वो कर दिखाया जिसे करने की कल्पना काम ही लोग करते हैं। अपने पिता से इस बारे में बात करने के बाद उनके दिमाग में बैटरी संचालित साइकिल बनाने का आईडिया आया और केवल 10 ही दिन में उन्हीने इस आईडिया को हकीकत में बदल दिया।

विज्ञान में ग्रेजुएट, राजकुमार कहते हैं कि अपने पिता के साथ चर्चा के दौरान उन्हें बैटरी से चलने वाली साइकिल बनाने का ख्याल आया। राजकुमार के पिता राजमाल्ली एक इलेक्ट्रीशियन हैं और उन्होंने अपने बेटे को साइकिल बनाने में गाइड किया। राजकुमार बताते हैं “साइकिल बनाने में पैसा एक समस्या थी, और मैं व्यावसायिक रूप से एक नया उत्पाद खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकता था।

इसलिए, मैंने अपने दोस्तों और पिता से कुछ पैसे उधार लिए। फरवरी 2021 में, मैंने 8000 रुपये में एक साइकिल खरीदी और 12 वोल्ट की दो बैटरी, एक 40 वाट का सोलर पैनल, एक नियंत्रक और अन्य ज़रूरी सामान ख़रीदा। इस सब का खर्च लगभग 20000 रूपए था।”

गाँव के अन्य लोगो के लिए भी बनाते हैं बैटरी साइकिल 

राजकुमार बताते हैं कि सोलर पैनल से चलने वाली उनकी साइकिल ना केवल पैसे बचाती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती है। उनकी इस साइकिल को देख गाँव के अन्य लोगो ने भी उनसे वैसी ही साइकिल बनाने का आग्रह किया। राजकुमार अब तक 6 अन्य लोगों के लिए सोलर साइकिल बना चुके हैं। इसके लिए वह केवल 10 हज़ार रूपए लेते हैं जिसमे केवल एक हज़ार प्रॉफिट रखते हैं। 

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.