इंसानियत का सबसे बड़ा नियम है कि हम किसी दूसरे की पीड़ा को समझ सकें, किसी के काम आ सकें. दुनिया में कई ऐसे नेक दिल इंसान हैं जो आए दिन इंसानियत की मिसाल पेश करते हैं

एक बार फिर से इंसानियत की ऐसी ही मिसाल बन कर सामने आए हैं राजस्थान के गांव चूरी (कोटपूतली) निवासी डॉ आरपी यादव. कल से ही सोशल मीडिया पर डॉ यादव की खूब सराहना हो रही है. कोई उन्हें सलाम कर रहा है तो कोई दुआएं दे रहा है

गांव की बच्चियों की आपबीती से पिघला मन

61 वर्षीय डॉ आर पी यादव राजस्थान के नीम का थान स्थित एक अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर हैं. वह कोटपूतली गांव के निवासी हैं. डॉ यादव एक बार अपनी पत्नी के साथ कार से अपने घर जा रहे थे

रास्ते में उनकी नज़र अपनी ही गांव की कुछ लड़कियों पर पड़ी जो पैदल ही अपने कॉलेज से गांव की ओर जा रही थीं. डॉ साहब ने उन बच्चियों को लिफ्ट दे दी

रास्ते में उन बच्चियों ने बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना होने के कारण उन्हें रोज़ पैदल ही गांव से कॉलेज और कॉलेज से गांव तक का सफर तय करना पड़ता है

लड़कियों के साथ इससे भी बड़ी समस्या यह थी कि उन्हें पैदल जाते हुए मनचलों की छेड़खानी का सामना करना पड़ता था

बच्चियों की आपबीती सुन कर डॉ यादव का मन कांप उठा. वह कई दिनों तक इस बारे में सोचते रहे. हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर पहले से ही कई सवाल खड़े हैं ऐसे में कई तरह की बातें उनके दिमाग में चलने लगीं

अच्छे से सोच विचार करने के बाद डॉ साहब ने यह फैसला लिया कि वह इन बच्चियों के लिए खुद से कोई ठोस कदम उठाएंगे. इसके बाद उन्होंने अपने जीवन भर की बचत राशि यानी पीएफ फंड से 19 लाख रुपये निकलवाए और गणतंत्र दिवस के अवसर पर गांव की बेटियों को उपहार के रूप में 52 सीटर बस भेंट कर दी

डॉ यादव ने इस बस का नाम रखा निशुल्क बेटी वाहिनी बस सेवा. वह मानते हैं कि गांव की सभी बेटियां उनकी अपनी बेटियां हैं और उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए इतना करना उनका फर्ज़ था

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.