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राजधानी पटना के एनएमसीएच में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नई व्यवस्था की जा रही है. अभी कुल 700 बेड का वार्ड बनने जा रहा है. जिसमे पटना के एनएमसीएच के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 100 बेड का अस्थायी वार्ड का निर्माण किया जायेगा. साथ ही 600 बेड के मेडिसिन विभाग भी बनाने का दिशा निर्देश दिया गया है. अब बेड की किल्लत नहीं होगी. जानकारी के लिए बता दूँ की एक शिशु विभाग और प्रशासनिक विभाग भी बनेंगे.

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पटना स्थित एनएमसीएच में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सिर्फ पटना ही नहीं पूरा बिहार से रोगी यहाँ इलाज कराने आते है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष में 3,00,134 मरीजों को ओपीडी के द्वारा इलाज किया गया है. जिसमे से 29,188 मरीजों को भर्ती किया गया. अस्पताल के आयुक्त ने निर्देश दिया है की बच्चे के जन्म वाला योजना में सर्जरी के बाद आशा और एएनएम का पैसा तुरंत भुगतान किया जाए.

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नए वार्ड बनाने का फैसला रोगी कल्याण समिति की बैठक में मंगलवार को ली गई . जिसमे 100 बेड का अस्थायी वार्ड का निर्माण कराया जायेगा. साथ ही 600 वाला मेडिसिन विभाग भी बनाया जायेगा. सभी स्टाफ के उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाने के लिए विचार हुई है. सभी तरह के सुरक्षा के लिए एनएमसीएच हॉस्पिटल के कोने-कोने में cctv कैमरा लगाया जायेगा.

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पिछले वर्ष पटना के एनएमसीएच में 2098 मेजर और 2585 माइनर सर्जरी हुई है. अस्पताल में डॉक्टरों की बात की जाए तो यहाँ 110 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, 17 चिकित्सा पदाधिकारी और 66 जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर अपने टाइम टेबल से उपलब्ध रहते हैं. वहीँ एनएमसीएच में कुल 503 नर्स है साथ ही 12 ओटी सहायक, 14 लैब तकनीशियन के साथ-साथ सुरक्षा के लिए 175 सुरक्षा कर्मी मौजूद रहते है.

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