aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb251 10

फलों के राजा के नाम से प्रसिद्ध फल आम का स्वाद चखने के लिए इस साल बिहार के लोगों को अधिक पैसे चुकाने होंगे | क्योंकि बिहार में आम के मंजर पर मौसम की मार पड़ी है। आम के पेड़ों पर पिछले साल की तुलना में पचास से साठ फीसदी मंजर ही दिख रहे हैं। विशेषज्ञ लगातार बारिश और ठंड का मौसम देर तक रहने को इसका कारण बता रहे हैं। और इसका असर आम की उत्पादकता पर पड़ना तय है।

Also read: बिहार में मौसम हुआ कूल-कूल, पटना व इन जिलों में होगी बारिश

आपको बता दे की अनुमान लगायी जा रही है की आम की कीमत पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक रहेगी | पिछले साल की अपेक्षा आम के पेड़ में कम मंजर लगने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। ऊपर से कीट का प्रकोप भी दिख रहा है। ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान का डर सताने लगा है। यही कारण है कि परेशान किसान कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर रहे हैं। राज्य के भागलपुर सहित पूरा कोसी क्षेत्र, गोपालगंज, सीवान, वैशाली सहित ज्यादातर इलाकों के किसानों ने इसकी शिकायत की है।

Also read: बिहार के 15 जिलों में बारिश-वज्रपात की चेतावनी, चलेगी तेज हवा

खास बात यह है की इस पर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मंजर के लिए 20-22 डिग्री सेल्सियस तापमान रहना चाहिए। प्रधान वैज्ञानिक अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना सह निदेशक अनुसंधान डॉ. एसके सिंह बताते हैं कि इस बार मध्य फरवरी तक तापमान 15 डिग्री के आसपास ही रहा। फरवरी अंतिम सप्ताह में जाकर अनुकूल तापमान हुआ। इस कारण कम मंजर आए हैं।

Also read: IMD अलर्ट: बिहार में चलेगी तेज रफ्तार से हवा, शाम को इन जिलों में होगी मूसलाधार बारिश

नुकसान की आशंका से बागान मालिक मायूस : खबरों की माने तो सीवान में 40 से 45 फीसदी आम के पेड़ों पर मंजर नहीं आए हैं। गोपालगंज में करीब 50 फीसदी मंजर आए हैं। भोजपुर, नवादा व सारण जिले में भी मंजर इस बार पिछले साल की तुलना में कम आये है। नालंदा में कमजोर पेड़ों में मंजर लगे हैं, जिसके झड़ने की पूरी आशंका है। इससे बागान मालिक मायूस हैं

Also read: बिहार में एकाएक छाए काले बादल, इन जिलों में 4 दिनों तक बारिश की संभावना

पातेपुर के सुक्की गांव में 60 फीसदी ही मंजर : वैशाली जिले में पातेपुर का सुक्की गांव आम के लिए मशहूर है। यहां 1200 हेक्टेयर में किसान आम की कई किस्में लगाई गई हैं। 40-50 बीघे में फैले जिन किसानों के बाग हैं, उन्होंने बताया कि 60 फीसदी मंजर ही आया है। रोहतास में 228 हेक्टेयर में आम का बगीचा है। यहां भी कम मंजर आये हैं।

मुख्य रूप से उत्पादित होने वालीं आम की किस्में

बिहार में मुख्य रूप से लंगरा मालदह, जरदालु, सिपिया, दशहरी, आम्रपाली, बथुरा आम की खेती होती है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.