भारत से नेपाल जाना अब और भी आसान और सुविधाजनक होने वाला है। बता दे की जनवरी 2022 में भारत और नेपाल दोनों के लोगों के लिए एक नए साल के उपहार के रूप में खुलने की संभावना है। रेलवे की एक शाखा, इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को जयनगर से कुर्था, कुर्था से बिजिलपुरा और बिजिलपुरा से बर्दीबास तक तीन चरणों में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने का काम सौंपा गया है, जो 68 किलोमीटर के हिस्से को कवर करती है।

आपको बता दे की ईस्ट सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार के अनुसार, रेलवे ने जयनगर से कुर्था तक परियोजना को बहुत पहले पूरी तरह से पूरा कर लिया है। कोंकण रेलवे ने सितंबर 2020 में कम से कम 10 डेमू कोच नेपाल सरकार को सौंपे थे। लेकिन दो पड़ोसी देशों के बीच रेल सेवाओं को किसी न किसी कारण से चालू नहीं किया जा सका। हालांकि, नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे को नेपाल में बेकार पड़े डेमू कोचों का पूरी तरह से रखरखाव करने के लिए कहा है।

ट्रेन के स्पीड का किया गया ट्रायल : बताया जा रहा है की भारत-नेपाल के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू होने का सबको इंतजार है। जयनगर में जिसको स्पीड ट्यल होने की जानकारी हुई वह स्टेशन पहुंच गए। जैसे ही ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मौजूद लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया। लोको पायलट जिस अंदाज में लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। उनके खुशी देखते ही बन रही थी।

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