मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Mukhyamantri Kanya Utthan Yojana) और मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन (स्नातक) योजना के तहत दो लाख सात हजार 132 छात्राओं को अब प्रोत्साहन राशि नए साल में ही मिल पाएगी। 25 अप्रैल 2018 से 31 तार्च 2021 तक स्नातक पास छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 25-25 हजार रुपये और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्नातक पास छात्राओं को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। आपको बता दे की शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को 31 दिसंबर तक लंबित आवेदनों को सत्यापन करने का अल्टीमेटम दिया है।

प्रमाणपत्रों का सत्‍यापन नहीं होना, सबसे बड़ी बाधा : बताया जा रहा है की मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा है कि विश्वविद्यालयों ने अंगीभूत महाविद्यालयों, संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों एवं अल्पसंख्यक महाविद्यालयों से उत्तीर्ण छात्राओं के प्रमाण पत्रों का सत्यापन लटका रखा है। लिहाजा, शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को हिदायत दी है कि जो तय अवधि में आवेदनों का सत्यापन सुनिश्चित नहीं कराएंगे, उन पर अनुशासिनक कार्रवाई होगी।

विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित आवेदन : जानकारी के लिए बता दे की मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में 68554, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में 44566, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में 25222, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा में 24210, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में 17423, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 13299, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में 10824, पटना विश्वविद्यालय में 729, आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय में 224, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में 97, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय में 1162, नालंदा खुला विश्वविद्यालय में 127, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय

साथ ही मोतिहारी में 127, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया में 14, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर में 50, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में 5 और इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी में 537 स्नातक पास छात्राओं के आवेदन लंबित हैं। अब देखना है कि शिक्षा विभाग के इस आदेश का क्‍या असर होता है। इतने लंबे समय से सत्‍यापन का कार्य लटकाए विवि में 31 दिसंबर तक कैसे कार्य पूरा होता है। छात्राओं को लंबे समय से इस राशि का इंतजार है।

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