बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की युनिट-1 (660 मेगावॉट) और एनटीपीसी बरौनी थर्मल पावर स्टेशन की स्टेज-2 (250-250 मेगावॉट) के पावर स्टेशनों का लोकार्पण किया. एनटीपीसी समूह ने बिहार में 7970 मेगावॉट क्षमता स्थापित की है और 1980 मेगावॉट अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है. एनटीपीसी द्वारा बाढ़ में 3300 मेगावॉट क्षमता स्थापित की गई है, जिसमें से 1320 मेगावॉट का वाणिज्यिक संचालन मार्च 2106 से जारी है.
विद्युत क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने तथा बिहार में विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने, इसकी लागत को कम करने के लिए बिहार सरकार ने 15 दिसम्बर 2018 को बरौनी थर्मल पावर स्टशन, बरौनी को एनटीपीसी लिमिटेड को हस्तांतरित किया था. अपनी सीएसआर पहल के तहत एनटीपीसी द्वारा बिहार में सामुदायिक विकास की कई गतिविधियां चलाई जा रही हैं. वहीं, इस कार्यक्रम में भारत सरकार एवं बिहार सरकार से कई वरिष्ठ अधिकारी भी में मौजूद रहे. आपको बता दे की इस अवसर पर आलोक कुमार,सचिव (विद्युत), भारत सरकार, चंचल कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार के प्रधान सचिव, गुरदीप सिंह, अध्य्क्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी, उज्ज्वल कांति भट्टाचार्य, निदेशक (परियोजनाऐं), एनटीपीसी, संजीव हंस, सचिव, ऊर्जा विभाग, बिहार, मनोज कुमार सिंह, माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री के निजी सचिव, प्रवक्ता, एनटीपीसी विश्वनाथ चंदन तथा एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
जानकारी के लिए बता दे की बिहार के मुख्यमंत्री ने 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रंगराजन कुमार मंगलम को याद करते हुए कहा कि किस तरह मंगलम ने उनके कार्य से प्रभावित होकर अपने क्षेत्र में थर्मल प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया. तत्कालीन रेल सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री को पटना से 20 से 100 किमी दूर गंगा नदी के किनारे जमीन देखने की सलाह दी. बता दे की इसके बाद उनके द्वारा गठित टीम ने बाढ़ में पावर प्रोजेक्ट लगाना तय किया.