बिहार में प्रति हजार पुरुषों पर बेटियों (महिलाओं) की आबादी 1090 हो गयी है। बिहार ने राज्य सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तीकरण योजनाओं सहित विभिन्न योजनाओं के लगातार जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के कारण लिंगानुपात (प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) में विकसित व पड़ोसी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। बताते चले की बिहार में लिंगानुपात में सुधार जारी है। बल्कि पहले से और बेहतर हुई है। राष्ट्रीय और अन्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार में सुधार अधिक है।

जानकारी के लिए बता दे की बिहार में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1062 से बढ़कर 1090 हो गई है। जबकि उत्तरप्रदेश में 995 से 1017 और झारखंड में 1002 से बढ़कर 1050 हो गई है। जबकि राष्ट्रीय लिंगानुपात दर 991 से बढ़कर 1020 हो गई है। राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों के अनुसार विकसित राज्यों महाराष्ट्र में प्रति हजार पुरुषों पर 966, गुजरात में 965, आंध्रप्रदेश में 1045, गोवा में 1027, तेलंगाना में 1049, तमिलनाडु में 1088 है, जो बिहार से कम है। वहीं, पड़ोसी राज्यों में उत्तरप्रदेश में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1017, झारखंड में 1050, पश्चिम बंगाल में 1049, मध्यप्रदेश में 970 व ओडिशा में 1063 है।

बिहार में बिहार सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं ने महिलाओं की संख्या बढ़ाने में व्यापक प्रभाव डाला है। भ्रूण जांच पर सख्ती बरते जाने के कारण गर्भस्थ शिशु के लिंग का निर्धारण कर पाना मुश्किल हो गया है। वहीं, कन्या विवाह योजना के कारण बालिका शिशु के विवाह को लेकर बड़ी बाधाएं दूर हो गयी हैं। NFHS-5 की दूसरे चरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में प्रजनन दर 3.4 से घटकर 3.0 हुई है। जबकि राष्ट्रीय प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.