बिहार के मुंगेर रेल सह सड़क पुल पांच वर्ष पूर्व ही पूर्ण हो गया और आमजनों को समर्पित कर दिया गया। बिहार में बने इस पूल से रेल मार्ग तो आरंभ हो गया, परंतु सड़क मार्ग शुरू नहीं हो सका है। इसका काम प्रगति पर है। बिहार के तीन जिले मुंगेर, खगड़िया एवं बेगूसराय(बिहार) के अलावा दूर दराज से आने वाले यात्रियों, व्यापारियों एवं आमजनों के लिए सड़क मार्ग मील का पत्थर साबित होगा। बिहार सड़क मार्ग के निर्माण कार्य में लगी कंपनी के अधिकारियों की मानें तो सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी 2022 तक बिहार में बने इस पूल पर सड़क मार्ग चालू हो जाएगा।

बिहार के मुंगेर जिले के रेल सह सड़क पुल से संबद्ध दोनों ओर कुल 14.5 मीटर लंबी एवं 60 मीटर चौड़ी एनएच 333 (क) निर्माण प्रस्तावित था। स्वीकृति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ हुआ। इसमें कई बाधाएं आई। प्रशासन के हस्तक्षेप से पुरानी अधिग्रहण की गई जमीन पर हरियाणा की कंपनी एसपी सिगला द्वारा पथ निर्माण कार्य शुरू हुआ। बिहार में बन रहे इस पूल के उत्तरी किनारे से एनएच 31 हीराटोल तक 5.133 किलोमीटर तक पथ का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

करीब 18 साल से अटका है पुल का काम

बिहार के मुंगेर घाट के रेल सह सड़क पुल का काम करीब 18 साल से अटका हुआ है. बिहार में इसका शिलान्यास 26 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. बिहार में बने इस रेल पुल को 2016 में चालू कर दिया गया. करीब 921 करोड़ रुपये की लागत से बिहार में बने इस पुल का निर्माण 2007 में ही पूरा होना था. बाद में जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण इसकी लागत में बढ़ोतरी हो गयी और 16 नवंबर, 2015 को पुल के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 2774 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी |

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