बिहार में स्थित गंगा नदी पर बनने वाले पुल के स्पैन का फासला अगर सौ मीटर से कम का हुआ तो बिहार अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India,bihar), से उसे अनुमति नहीं मिलेगी। बिहार के भागलपुर जिले मबन रहे पुल पर आइडब्ल्यूएआइ ने तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था की है | पुल के पूरे हिस्से का स्पैन सौ मीटर फासले का होना चाहिए। इस क्रम में आइडब्ल्यूएआइ ने बिहार के भागलपुर जिले में विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले चार लेन पुल के निर्माण पर रोक लगा दी है। बिहार के इस पुल की निविदा अब नए सिरे से करने की नौबत आ गयी है।

बिहार के भागलपुर जिले में में बन रहे भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की इस तकनीकी व्यवस्था का आधार पर्यावरण व वाणिज्यि‍क है। इस संबंध में यह कहा गया है कि अगर बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे इस पुल की स्पैन का फासला सौ मीटर से अधिक का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे इस पुल के अतिरिक्त स्पैन का फासला सौ मीटर रहने से पानी का बहाव भी सही तरीके से होगा और अपेक्षाकृत गाद कम जमा होगा।

बिहार विक्रमशिला सेतु की नए सिरे से होगा निर्माण

बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे विक्रमशिला सेतु के समानांतर चार लेन पुल के निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी। लेकिन बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे इस विक्रमशिला के काम शुरू किए जाने की तैयारी थी पर मामला आइडब्ल्यूएआइ से अनुमति नहीं मिलने से अटक गया। अब बिहार में बन रहे इस पुल की डिजायन इस तरह की थी कि कई जगह पचास मीटर वाले स्पैन थे। इसलिए बिहार का सबसे भव्य पुल का निर्माण पर अभी रोक लगा दिया गया है |

बिहार के भागलपुर में बन रहे इस पुल में 400 करोड़ और आयेंगे खर्च

बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे यह विक्रमशिला पुल के लिए चयनित एजेंसी कह रही है कि उसे अगर सौ मीटर स्पैन पर डिजायन कर बिहार में यह पुल बनाना होगा तो चार सौ करोड़ रुपए अधिक चाहिए। इस राशि को लेकर बिहार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सहमति नहीं है। तो ऐसे में अभी फिलहाल बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे विक्रमशिला सेतु के निर्माण पर रोक लगा दी गयी है |

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.