भिंड जिले के अंजूल गांव की रहने वाली रोशनी भदौरिया जिसने दसवीं में 98.75% मार्क्स के कर आई न ही उसने अपनी केवल पढ़ाई पर घ्यान दिया था बल्कि इस के साथ ही उसने रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल भी चलाई है बता दे की उसके गांव से 12 किलोमीटर दूर मेहगांव में बने स्कूल है जहा पर वो जाती है। और वह ऐसा केकव सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि पूरा गाव का नाम उचा कर दी है और इसको लेकर उनके माता पिता भी बहुत खुश है |

वैसे 4 साल पहले गांव के बाहर से होकर गुजरने वाले बरसाती नाले पर पुल ना होने पर हाल कुछ ऐसे थे की बारिश के दिनों में रोशनी अपने घर नहीं आ पाती थी उसे मेहगांव में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास ही रुकना पड़ता था पर इन सभी मुश्किलों का सामना उसने किया और अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। और स्कूल की दुरी को अपनी म्हणत के दम पर पढाई पर बाधा नहीं आने दी |

रोशनी को 400 में से 395 मार्क्स मिले है और वोबड़ी होकर आईएएस की परीक्षा देकर कलेक्टर बनना चाहती है ये होइ वजह है की उसका पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पर है बता दे की रोशनी के पिता कॉलेज तक पढ़े हैं और इस समय खेत में काम कर रहे है और ही उसकी माँ भी मां भी 12वीं तक पढ़ी हैं। और हम आपको बता दे की रोशनी की घर की आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नही है इनके पापा पेशे से किसान है खेतीबारी करते है | लेकिन रौशनी ने जैसा कर दिखाया वह बहुत बड़ी कामयावी है |

रौशनी के परिवार में भी जादा लोग नहीं है रोशनी के दो भाई है पर इसके बाद भी पढ़ाई के लिए रोका-टोका नहीं रोशनी के पिता भी ये ही चाहते है की उनकी बेटी अच्छे से पढ़े लिखे और अपने घरवालों का नाम रोशन करे और इस में उसके रिश्तेदार भी उसका साथ देते है जब मौसम खराब हो जाता है तब उसके रिश्तेदार उसे घर छोड़ने जाते है|

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