क्‍लामेट चेंज (Climate Change) के कारण जब दुनिया के कई हिस्‍सों में प्राकृतिक आपदाएं आ रहीं हैं, तब ऐसे समय में एक व्‍यक्ति के बारे में जानकर आपको खुशी होगी, जिसने अपनी पूरी जिंदगी पर्यावरण के संरक्षण में लगा दी. ओडिशा के इस 72 वर्षीय व्‍यक्ति ने अनोखी मिसाल पेश करते हुए पिछले 60 सालों में करीब 30 पौधे लगाए (Plantation) हैं, जिनमें से कई पौधे अब पेड़ बन चुके हैं. 

कहलाते हैं ट्री-टीचर 

रिटायर्ड टीचर अंर्तयामी साहू ओडिशा (Odisha) के नयागढ़ जिले (NayaGarh District) के किंतिलो गांव के हैं. राज्‍य में कई सार्वजनिक जगहों पर पेड़-पौधे लगाने के कारण वे गाछ सर यानि कि ट्री टीचर (Tree Teacher) के नाम से मशहूर हैं. उन्‍हें अब अधिकांश लोग पेड़ लगाने वाले टीचर के तौर पर ही पहचानते हैं. साहू ने पौधे लगाने का काम महज 12 साल की उम्र से शुरू कर दिया था, उस वक्‍त को 6वीं क्‍लास में पढ़ते थे. 

बच्‍चों को भी करते हैं जागरुक 

साहू ने खुद को पर्यावरण को बचाने के लिए उल्‍लेखनीय काम किया है, बतौर शिक्षक भी वे बच्‍चों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं और इसका महत्‍व समझाते हैं. साहू बताते हैं, ‘मैं सन् 1961 से पेड़-पौधे लगा रहा हूं और आज भी मैं पर्यावरण बचाने की दिशा में ही काम कर रहा हूं. मुझे इस काम से खुशी मिलती है.’

साहू के प्रयासों को राज्य और केंद्र सरकार ने सराहा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ट्विटर के जरिए उनके काम की तारीफ कर चुके हैं. साथ ही ओडिशा सरकार ने साहू को ‘नेचर लवर’ अवॉर्ड (Nature Lover Award) से भी नवाजा है. नयागढ़ के डिविजनल फॉरेस्‍ट ऑफिसर एस.डी.धनराज कहते हैं कि उन्‍होंने साहू द्वारा दिए गए कई सुझावों को नयागढ़ फॉरेस्‍ट डिवीजन में अपनाया है. 

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