अफसर अक्सर गांवों में निरीक्षण के लिए जाते रहते हैं लेकिन बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने गुरुवार को सहसवान क्षेत्र के गांव धापड़ परशुराम नगला खागी नगला और भरौलिया का निरीक्षण बैलगाड़ी पर बैठकर किया। उनके साथ अन्य अफसर भी बैलगाड़ी पर बैठे।

ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई आला अधिकारी अपने वातानुकूलित कार्यालय से निकल कर आम लोगों की समस्या को समझे और उसका निराकरण जल्द से जल्द करने की कोशिश करें। निरीक्षण के लिए भी जाते हैं तो अपनी गाड़ियों से उतरना तक पसंद नहीं करते हैं। ऐसे अधिकारियों के लिए उत्तर प्रदेश के बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मिसाल कायम की है।

उन्होंने गुरुवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियों को कम करने और राहत कार्यों को देखने बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंच गईं। यह देख ग्रामीण भी दंग रह गए। उन्हें देखने के लिए भीड़ जुट गई। वहां जिलाधिकारी ने भोजन से लेकर उपचार तक की व्यवस्था चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए।

अफसर अक्सर गांवों में निरीक्षण के लिए जाते रहते हैं, लेकिन बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने गुरुवार को सहसवान क्षेत्र के गांव धापड़, परशुराम नगला, खागी नगला और भरौलिया का निरीक्षण बैलगाड़ी पर बैठकर किया। उनके साथ अन्य अफसर भी बैलगाड़ी पर बैठे। कई जगह पहुंचने के लिए उन्होंने नाव का भी सहारा लिया। दीपा रंजन की यह पहल सिस्टम के लिए बड़ी सीख बन गई है।

बदायूं में गंगा नदी में पानी तो कम हो गया है, लेकिन ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने गुरुवार को नाव और बैलगाड़ी से सहसवान क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित गांवों का दौरान कर ग्रामीणों की समस्याएं देखीं और उनका निदान कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए विद्यालय में राहत शिविर बनवा दिया है। भोजन से लेकर उपचार तक की व्यवस्था चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए।

प्रशासन ने बाढ़ चौकी राहत शिविर सिठौलिया पुख्ता खाम के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय में राहत शिविर बना दिया गया है। डीएम ने ग्रामीणों को समझाया कि राहत शिविरों में रहें, वहीं पर जाकर आप लोग रहे ताकि आपके परिवार एवं बच्चे सुरक्षित रह सकें। अगर लोग पानी के बीच रहेंगे तो कोई भी बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है।

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