समस्तीपुर : शहर के पंजाबी कॉलोनी निवासी अशोक कुमार और सुनिता कुमारी के पुत्र प्रियतम सम्राट पहले प्रयास में बीपीएससी में 895 वां स्थान प्राप्त किया है। उनका चयन अल्पसंख्यक विकास अधिकारी के पद पर हुआ है। वे इस समय यूपीएससी की तैयारी में लगे हैं। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय बिरौली से की। वहीं मध्य प्रदेश के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की। उनके पिता एसएमआरसीके कॉलेज में केमेस्ट्री के प्राध्यापक और मां उर्दू मध्य विद्यालय शेखटोली बंगाली टोला में प्रधानाध्यापक हैं।

प्रियतम ने बताया कि उसने बीपीएससी की परीक्षा में पहली बार में ही सफलता प्राप्त कर ली। इससे पहले भी उसने बिहार दारोगा परीक्षा में सफलता हासिल की थी। लेकिन, यूपीएससी परीक्षा क्लीयर करने की इच्छा थी। उसने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर इंटरव्यू दिया है। इसी तैयारी के बीच इस बार पहली बार में ही बीपीएससी में उन्हें सफलता मिल गई। स्वाध्याय के बल पर बीपीएससी में सफलता प्राप्त कर प्रीतम ने उन छात्रों को प्रेरणा दिया है जो वर्तमान में तैयारी में जुटे हैं। सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में साइक्लोलिजी के पूर्व विभागाध्यक्ष नाना डॉ. हरि प्रसाद राय को देते है।

यूपीएससी क्लियर करना ही एकमात्र लक्ष्य

प्रीतम इससे पहले यूपीएससी में इंटरव्यू तक का सफर पूरा किया पर वहां सफल नहीं होने पर बीपीएससी की तैयारी में जुट गए। इसके बाद पहली प्रयास में ही सफलता मिल गई। उनका कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। पहली बार में सफलता नहीं मिलने के बाद भी वे इससे जरा भी डिगे नहीं और फिर से तैयारी में जुट है। प्रियतम के इसी संकल्प ने आज उन्हें सफलता दिली दी। प्रियतम ने तैयारी करने वाले छात्रों के लिए सुझाव दिया कि उन्हें सबसे पहले सिलेबस की पूरी जानकारी होनी चाहिए। जिस किताब को भी पढ़ें उसे समझने का प्रयास करें। रिवीजन भी करते रहें व नोट्स बनाएं। निरंतर तैयारी करें। दृढ़ निश्चय हो तो अवश्य सफल होंगे।

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