देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद को लौहपुरुष नहीं तो, इससे कमतर भी नहीं आंका जा सकता। जिस तरह से सरदार पटेल ने कोर्ट में अपने मुअक्किल के पक्ष में बहस करते पत्नी के निधन के मिले तार को पढऩे के बाद जेब में रखकर बहस पूरी की, उसी तरह से देशरत्न ने भी मां समान बड़ी […]