UPSC की परीक्षा के लिए हर साल करीब 10 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देते हैं. इस परीक्षा में प्रतिभागी अलग-अलग बैकग्राउंड, डिग्रियां और कुछ तो अपनी अच्छी-खासी नौकरियों को छोड़ कर शामिल होते हैं. UPSC की इस परीक्षा में कुछ तो टॉपर होते हैं वहीं कुछ लोग अपनी प्राथमिक शिक्षा में टॉपर नहीं होते हैं. हालांकि प्राथमिक शिक्षा के परिणाम UPSC परीक्षा में ज्यादा प्रभाव नहीं डालते हैं. ऐसे ना जाने कितने उदाहरण हैं जो बताते हैं कि सिविल सर्विसेज में लगन और मेहनत से विद्यार्थी अच्छे परिणाम लाने में सफल हुए.
आज हम आपको आईएएस हिमांशु कौशिक के बारे में बताने जा रहे हैं जो पढ़ाई में टॉपर ना होते हुए भी आईएएस की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर आईएएस अधिकारी बनने में सफल हुए. यहां तक उनके आस-पास के लोगों ने यूपीएससी की परीक्षा का एग्जाम ना देने की बात कही लेकिन खुद पर हौसला रखकर उन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.
कौन हैं (IAS Himanshu Kaushik) हिमांशु कौशिक
हिंमांशु कौशिक दिल्ली के रहने वाले हैं. अपनी शुरुआती पढ़ाई उन्होंने दिल्ली में ही की. उन्होंने 10वीं की पढ़ाई में 80 फीसद अंक हासिल किए. किसी कारणवश उन्होंने 12वीं की पढ़ाई और बीटेक में ज्यादा अंक हासिल नहीं किए. बीटेक की पढ़ाई के दौरान परीक्षा में ज्यादा अंक ना हासिल करने की वजह से उनकी 2 विषयों में बैक भी लग गई. हालांकि बाद में उन्होंने बीटेक में 65 फीसद अंक हासिल कर बीटेक की पढ़ाई पूरी कर ली.
बीटेक पूरी होने के बाद उनकी एक प्राइवेट कंपनी में उनकी नौकरी लग गई. हालांकि इस नौकरी से उनका मन ऊब गया. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि 3 सालों तक एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने से वो थक चुके थें. हिमाशु के मुताबिक उन्हें प्राइवेट कंपनी में खुलकर काम करने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था. यही कारण था कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन बना लिया.
लोगों ने उड़ाया मजाक कहा- ‘तुम आईएएस नहीं बन पाओगे’
हिमांशु पढ़ाई में टॉपर नहीं थे. इसलिए जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का प्लान बनाया तो काफी लोगों ने उन्हें निराश किया. बहुत से लोग उनसे कहते थे कि यूपीएससी की परीक्षा उनके लिए नहीं है. जब भी वो इस परीक्षा से जुड़े कोई भी सवाल पूछने की कोशिश करते तो लोग उनपर हंसने लगते थे.
हिमांशु का मजाक उड़ाते हुए लोग कहते थे कि, ‘बेटा वो देश की सबसे कठिन परीक्षा है तुम पास नहीं कर सकते हो’. अपनी नौकरी गंवाकर तुम अपने पैरों में कुल्हाड़ी भी मार रहे हो. वहीं, हिमांशु ने निश्चय कर लिया था कि अब कुछ भी हो जाए ऐसे लोगों को जवाब देना है. इस परीक्षा को किसी भी हालत में पास करना है.
स्ट्रेटजी बनाकर की पढ़ाई, हासिल की 77वीं रैंक
उन्होंने इस परीक्षा को पास करने की एक स्ट्रेटजी बनाई. जिसमें उन्होंने पहले तो सारा सिलेबस अच्छी तरह से समझ लिया. फिर उस सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई शुरू कर दी. उन्होंने रात-दिन एक करके खूब मेहनत से पढ़ाई की. साल 2017 में उनकी मेहनत का फल उन्हें मिल गया. यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने देश भर में 77वीं रैंक हासिल कर ली.