बिहार में जैसे ही मानसून प्रवेश करती है वैसे ही बिहार के कुछ किसानों के चेहरे पर मुस्कान आती है तो कुछ किसानों के चेहरे पर मायूसी क्योंकि बिहार के कुछ ऐसे गांव और जिले हैं जहां पर मानसून आते ही मानसून की बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है और बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित होते हैं लेकिन अब बाढ़ आने से करीब करीब 72 घंटे पहले ही लोगों को इसकी जानकारी दे दी जाएगी इसकी जानकारी देने के लिए अब बिहार सरकार अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करने वाले हैं।
ड्रोन और मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर निगरानी की जाएगी खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि ड्रोन का इस्तेमाल बाढ़ के दौरान तटबंध की रियल टाइमिंग मॉनिटरिंग में किया जाएगा इस पहल से 72 घंटे पहले बाढ़ की जानकारी लोगों को मिल सकेगी इस पूरी व्यवस्था में विभाग की संस्था बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायता केंद्र स्थित मैथमेटिकल मॉडल सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है इसकी जानकारी खुद जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दी है उन्होंने बताया कि बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए विभाग द्वारा लगातार नई तकनीक के इस्तेमाल के लिए साथ-साथ नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं इसी क्रम में मैथमेटिकल मॉडल सेंटर की स्थापना की गई थी और इसी सेंटर की मदद से अब लोगों को 72 घंटे पहले ही बाढ़ की सटीक जानकारी दी जाएगी।