इस बार बिहार के लोग दरभंगा के मालदह, बंबई, दशहरी,  किशुन भोग, आम्रपाली और सुकुल जैसे रसीले आमों के स्वाद के लिए तरसेंगे. दरअसल, यास तूफान ने बिहार के सबसे बड़े आम उत्पादक जिलों में शामिल दरभंगा के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

तूफान की वजह से लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश और तेज हवाओं ने आम की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. किसानों की लाखों की क्षति हुई है. इसकी वजह से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं.

जिले के सबसे ज्यादा आम उत्पादन करने वाले हायाघाट प्रखंड के एक किसान मो. फैजुल्लाह ने बताया कि उनका करीब 12 सौ पेड़ का बगीचा है. उनका करीब 15-16 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि आम की फसल में उन्होंने बाजार से साढ़े सात प्रतिशत सूद की दर पर कर्ज लिया था. इसके अलावा पत्नी और भाभी के जेवर भी गिरवी रखे थे. साथ ही बैंक का भी कर्ज है. उन्होंने कहा कि अब उम्मीद नहीं है कि इस नुकसान की भरपाई हो सके. कहां से कर्ज चुकाएंगे इसकी चिंता है.

वहीं, एक अन्य किसान मो. अलाउद्दीन ने कहा कि उनके यहां के आम बिहार के विभिन्न इलाकों के अलावा हैदराबाद तक भेजे जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार पूरी फसल चौपट हो गई है और करीब 15-16 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द फसल क्षति मुआवजा दिया जाए ताकि उनके नुकसान की कुछ भरपाई हो सके. इस मामले में बात करने पर हायाघाट के सीओ कमल प्रसाद साह ने कहा कि यास तूफान की वजह से हायाघाट अंचल में आम और लीची की फसल का नुकसान हुआ है.

उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अब तक फसल क्षति मुआवजा के लिए कोई गाइडलाइन नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद वे किसान सलाहकारों को निर्देश दे चुके हैं कि गांवों में जाकर फसल क्षति का आकलन करें ताकि गाइडलाइन आने के बाद किसानों को भुगतान किया जा सके.

input – zeenews

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