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देश में ढांचागत क्षेत्र की 470 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान के मुकाबले 4.38 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक मूल्य की इन्फ्रा परियोजनाओं की निगरानी करता है। इस प्रकार की कुल 1,737 परियोजनाओं में से 470 में लागत बढ़ गई है और 557 परियोजनाएं में देरी चल रही हैं।

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मंत्रालय की अप्रैल, 2021 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इन कुल 1,737 परियोजनाओं की क्रियान्वयन की मूल लागत 22,33,409.53 करोड़ रुपये थी। अब इनको पूरा करने की कुल संभावित लागत 26,71,440.77 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इससे इन परियोजनाओं की कुल लागत में 4,38,031.24 करोड़ रुपये की वृद्धि हो गई। यह वास्तविक अनुमान से 19.61 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक इन परियोजनाओं पर व्यय अप्रैल, 2021 तक 13,16,032.62 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो तय लागत का 49.26 फीसद है।

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वहीं, देरी वाली कुल 525 परियोजनाओं में से 106 परियोजनाओं में 1 से 12 महीने जबकि 123 परियोजनाओं के मामले में 13 से 24 महीने की देरी हुई है। जबकि, 179 परियोजनाओं में 25 से 60 महीने और 117 परियोजनाओं में 61 महीने या उससे अधिक की देरी हुई है। 525 परियोजनाओं में औसतन देरी 45.63 महीनों की है। इन परियोजनाओं में देरी का कारण जमीन अधिग्रहण में विलम्ब, वन और पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में समय लगना जैसी समस्याएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये विभिन्न राज्यों में लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण भी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई है।

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साभार – dainikjagran

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