देश में कुछ ही घंटों के भीतर मॉनसून अपनी दस्तक दे सकता है. देश के दक्षिणी छोर से मॉनसून (Monsoon 2021) के टकराने में अब अधिक वक्त नहीं बचा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 31 मई को मानूसन के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की है. मौसम विभाग के अनुसार, केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने लगी हैं. अब ये कुछ ही घंटों के भीतर केरल के तट से टकराएगा. वहां प्री मॉनसून गतिविधियां तेज हो गईं हैं.
30 मई, 2021 से उत्तर-पूर्वी राज्यों और इससे सटे पूर्वी भारत में दक्षिणी हवाओं के मजबूत होने के कारण, व्यापक रूप से भारी बारिश की संभावना है. अगले कुछ दिन पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. पूर्वी, मध्य भारत, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों में गरज के साथ छिटपुट बारिश होने की संभावना है.
कहां हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर गरज, बिजली, तेज हवाएं चलने की संभावना है. 30 मई को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, विदर्भ, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर गरज, बिजली और तेज हवाएं चलने की संभावना है.
कैसा रहेगा मॉनसून
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है. जून से लेकर सितंबर तक बारिश के आसार जताए गए हैं. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, इस साल मॉनसून के दौरान करीब 86.2 CM बारिश होने की संभावना है. मॉनसून की बारिश के साथ ही खरीफ मौसम के फसलों की तैयारी में लगे किसान अपने फसलों की बुवाई के काम तेजी से जुट जाते हैं. उन्हें भी मॉनसून की पहली बारिश का इंतजार है.
किसानों को हुआ है नुकसान
हालांकि, यास तूफान की वजह से देश बड़े हिस्से में हुई बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में जमकर हुई बारिश के चलते किसानों की तैयार फसलें तबाह हो गईं. प्याज और खब्जियों के खतों में पानी भरने से फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है.
कब तक पहुंचने की उम्मीद
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक राहुल एम. ने यहां कहा, ‘‘केरल में 31 मई के करीब दक्षिण पश्चिम मॉनसून के लिए स्थितियां अनुकूल बन सकती हैं. इसके पांच जून तक गोवा पहुंचने की उम्मीद है.’’उन्होंने कहा कि केरल में मॉनसून सामान्य तौर पर एक जून को पहुंचता है. जबकि गोवा में मॉनसून की पहली फुहार छह जून तक पड़ती है.