चक्रवात यास से तीन दिनों बाद शनिवार को जिले को राहत मिली। सुबह में आसमान में बादल छाए रहे तथा बूंदा-बांदी हुई। इस बीच शुक्रवार की सुबह आठ बजे से लेकर शनिवार तक 1308 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। जिला कृषि परामर्शी सुनील शुक्ला ने बताया कि सबसे ज्यादा मुशहरी में 132.8 मिमी वहीं सबसे कम कांटी में 60.8 एमएम बारिश रिकार्ड किया गया। इस बीच आंधी-पानी से जिले में करीब 32 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
आसमान में छाए रहेंगे बादल
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ.ए सत्तार ने बताया कि दो जून तक कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। वैसे इसकी भी संभावना कम है। आसमान में बादल छाए रहेंंगे। मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान 12 से 22 किलोमीटर की रफ्तार से पुरवा हवा चलेगी। विगत दो दिनों में 88 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इससे अधिकतम तापमान में काफी गिरावट आई।
सब्जी, आम, लीची को पहुंचा नुकसान
आंधी-पानी से जिले में करीब 32 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। इससे करीब 20 से 25 हजार किसान प्रभावित है। सब्जी उत्पादक अशोक शर्मा ने बताया कि अचानक बारिश से खेतों में पानी लग जाने के कारण नेनुआ, टमाटर, कद्दू के पौधे अब सडऩे लगेंगे। इतना बारिश हुआ है कि पानी निकलने की समस्या होगी। अगर एक-दो दिन धूप निकले तो कुछ राहत मिल सकती है। फिलहाल जो भी तैयार सब्जियां थी वह बर्बाद हो जाएगी। कपरपुरा के किसान हरेश त्रिपाठी ने कहा कि लीची को भी काफी नुकसान हुआ।