शाही लीची बाजारों में पहुंचने के साथ ही इसकी मिठास लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। पुपरी बाजार व शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर शाही लीची लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। बारिश होने के वजह से लीची फल और भी लाल हो चला है। किंतु शाही लीची के दाम अधिक होने के वजह से हर कोई इसे खरीद नही पा रहे हैं। डेढ़ सौ रुपये प्रति सैकड़ा की दर से शाही लीची की बिक्री धड़ल्ले से जारी है।
शाही लीची की बादशाहत के बीच मुम्बई आम भी बाजारों में शोभा बढ़ा रहा है। अपनी मिठास के लिए प्रसिद्ध मुम्बई आम 70 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। हालांकि, देहाती मुम्बई आम की जगह प्रवासी आम बाजार में अपनी जगह बना ली है। फल के थोक विक्रेता प्रमोद, विपिन व चुन्नू चौधरी ने बताया कि अभी कोलकाता से ट्रांसपोर्ट के जरिये मुम्बई आम का आयात कर रहे हैं।
फुटकर विक्रेता मो. मोती ने बताया कि देहाती मुम्बई आम का पैदावार कम है। वही यह स्थानीय बगीचा में देर से पकता है। इसी वजह से प्रवासी मुम्बई आम बाजारों पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं।