पंचायतों में प्रशासक का काम बीडीओ ही देखेंगे। पंचायत सचिव को अधिकार नहीं मिलेगा। वहीं पंचायत समिति (बीडीसी) का काम बीडीओ और जिला परिषदों के विकास राशि पर निर्णय डीडीसी लेंगे। पंचायत चुनाव पर अब करीब-करीब विराम लग गया है। हालांकि, चुनाव नहीं कराने का अभी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं किया गया है।

ऐसे में पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के संचालन के लिए प्रशासक तैनात करने का जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसका असल मजमून यही है। अधिकारियों की माने तो पंचायत सचिव को ग्राम पंचायतों के संचालन का अधिकार देने से निचले स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग में परेशानी आएगी। वहीं प्रखंड और पंचायत दोनों स्तरों का काम बीडीओ करेंगे तो विकास कार्यों में सुविधा से होगी।

15 जून तक कार्यकाल : पंचायत सचिव पंचायतों के विकास कार्य में बीडीओ को सहयोग करेंगे। इस संबंध में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के विकास कार्य को जारी रखने के लिए एडमिनस्ट्रेटर बहाल होने हैं। वैसे अन्य राज्यों में इस तरह की अबतक हुई व्यवस्था पर भी अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। वर्तमान त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं का कार्यकाल 15 जून तक है।

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