सपने अगर सच्चे दिल से देखे जाएं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की जाए, तो वे जरूर पूरे होते हैं. इस बात को जितना जल्दी अपने प्राण में उतार लीजिए उतना ही अच्छा है. अब तो इसकी मिसाल पेश की है पूर्णिया जिले की भावना कुमारी ने. आपको बता दें की भावना कुमारी ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 69वीं परीक्षा में 116वीं रैंक हासिल कर DSP बनने का सपना साकार किया. भावना की सफलता की खबर सुनकर उनके दादा श्री हरीश नारायण साह और दादी के आंसू खुशी से थम नहीं रहे थे. जब उनसे पूछा गया की उनको कैसा लग रहा है तो उनके आँशु निकल आये थे.
आपको बता दें की भावना कुमारी के पिता विनोद कुमार साह पूर्णिया जिले के हरदा बाजार में एक मेडिकल दुकान चलाते हैं. एक मेडिकल की दुकान से ही पूरा घर चलाना होता था. तो जाहिर है की घर में आर्थिक तंगी तो रहती ही होगी. लेकिन भावना के पिता ने कभी पढाई में कोई कमी नहीं होने दिया. भावना की सफलता ने उनके परिवार समेत पुरे जिले का नाम रोशन कर दिया.
एक आम विद्यार्थी से DSP साहब तक का भावना का सफर आसान नहीं था. उन्होंने BPSC की परीक्षा में लगातार दो बार असफलता का सामना किया. लेकिन इन असफलताओं ने उनके हौसले को तोड़ने के बजाय और मजबूत बनाया. अपनी पिछली गलतियों से सीख लेते हुए उन्होंने परीक्षा की तैयारी में पूरा ध्यान केंद्रित किया. भावना ने हर दिन 8 से 9 घंटे तक पढ़ाई की. उन्होंने गहरी योजना और एक स्पष्ट लक्ष्य के साथ अपनी तैयारी की. उनकी मेहनत का नतीजा था कि उन्होंने BPSC की परीक्षा में 116वीं रैंक हासिल की और DSP बनने का गौरव प्राप्त किया.