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आधुनिक डिजिटल युग में बच्चों का ज्यादातर समय वीडियो गेम्स के बीच बीतता है। ऐसे में उनसे खो-खो, गिल्ली-डंडा, और पिठ्ठू गरम जैसे खेलों के बारे में पूछना नादानी होगी!

हां! अगर आपकी उम्र 25-30 से ऊपर है, तो आपकी बचपन की यादों में इन खेलों का जिक्र जरूर होगा।


आपने अपनी गर्मियों की छुट्टियों का एक बड़ा हिस्सा इनके नाम किया होगा। या फिर दादा-दादी और नाना-नानी की कहानियों में तो इन खेलों के बारे में आपने सुना ही होगा।

ऐसे में इन खेलों के बारे में पढ़ना बचपन की उन यादों में लौटने जैसा है-

  1. गिल्ली डंडा
    यह खेल बचपन के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। बच्चों के अंदर इसको लेकर खासा क्रेज होता है। बस इसे खेलने के लिए थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

क्योंकि, जरा सी चूक किसी की भी आंख फोड़ सकती है!

इसको खेलने के लिए कम से कम दो खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। एक खिलाड़ी डंडे की मदद से गिल्ली के सिरे पर प्रहार कर उसे ज्यादा से ज्यादा दूर तक पहुंचाने की कोशिश करता है। वहीं दूसरे खिलाड़ी को गिल्ली को उसके लास्ट प्वाइंट से सोर्स प्वाइंट तक थ्रो कर पहुंचाना होता है। जगह बदलने पर इसके नियम अलग हो सकते हैं!

  1. खो-खो
    इस खेल में दो टीमें होती हैं। एक टीम रनिंग करती है और दूसरी चेज। चेज करने वाली टीम के 9 खिलाड़ी सीमित दूरी पर एक-दूसरे के अपोजिट मुंह करके बैठते हैं।

अगली कड़ी में रेफरी की सीटी बजते ही रनिंग टीम के खिलाड़ी एक-एक करके मैदान के अंदर आते हैं, जिन्हें चेज करने वाली टीम के खिलाड़ियों को एक निर्धारित समय के भीतर आउट करना होता है। बारी-बारी से दोनों टीमों को रनिंग करने का मौका मिलता है। इसमें जो ज्यादा खिलाड़ियों को आउट करता है, वह विजेता बनता है।

  1. छुपन छुपाई
    इसे हाइड एंड सीक नाम से भी जाना जाता है। इसमें एक खिलाड़ी को अपनी आंखें बंद करते हुए निर्धारित गिनती गिननी होती है। इसी दौरान बाकी खिलाड़ियों को सीमित एरिया में छिपना होता है।

खेल की अगली कड़ी में आंखें बंद करने वाले खिलाड़ी को छिपे हुए सभी खिलाड़ियों को ढूंढना होता। अगर वह इसमें सफल होता है, तो सबसे पहले ढूंढ़े गए खिलाड़ी को अपनी आंखें बंद करनी होती है और सेम प्रक्रिया को दोहराना होता है।

  1. कंचा (गोली)
    यह खेल आज भी गांवों में प्रासंगिक है। इसको खेलने के लिए छोटी-छोटी गोलियों का प्रयोग होता है। ये गोलियां ज्यादातर मार्बल्स की बनी होती है।

इस खेल को खेलने के इतने तरीके हैं कि बताना मुश्किल होता है, कौन सा ज्यादा लोकप्रिय है। फिर भी ज्यादातर एक गोली को अंगुली की मदद से दूसरी पर निशाना लगाने का तरीका ज्यादा पसंद किया जाता है।

खेल का नियम कुछ ऐसा होता है कि गोली पर निशाना लगाने वाले को हर सही निशाने पर दूसरा खिलाड़ी एक गोली देनी होती है। अंत में जो ज्यादा गोलियां जीतता है, वह इस खेल का किंग कहलाता है।  

कंचा (गोली) -बचपन के खेल

5.आंख-मिचौली

इस खेल में एक खिलाड़ी की आंखों में पट्टी बांधी जाती है। फिर से उसे बाकी खिलाड़ियों को पकड़ना होता है। पकड़े जाने पर दूसरे खिलाड़ी को इसी प्रक्रिया से गुजरना होता है।

इस गेम को खेलने का एक और दिलचस्प तरीका है। इसके तहत जिस खिलाड़ी की आंखें बंद होती है। उसके सिर पर बाकी खिलाड़ी एक-एक करके थपकी मारते हैं।

ऐसे में अगर वह सबसे पहले मारने वाले को पहचान लेता है, तो पहचाने गए खिलाड़ी की आंखें बंद की जाती है। इस खेल में खिलाड़ियों की संख्या पर प्रतिबंध नहीं होता।   

6. रस्सा-कस्सी

यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। इसमें दोनों टीमें एक रस्सी के दोनों सिरों को पकड़कर रखती हैं। दोनों टीमों के बीच जमीन पर एक लाइन खिची होती है। नियम के अनुसार जो टीम ज्यादा जोर रखती है वह दूसरी टीम को अपने पाले पर ले आता है। इसी के साथ वह विजेता बनती है।

7. पिठ्ठू गरम

इस खेल को खेलने के लिए एक गेंद और कुछ समतल पत्थरों की आवश्यकता होती है। इन पत्थरों को एक के ऊपर एक सजाया जाता है। फिर गेंद की मदद से पहली टीम का खिलाड़ी, इन्हें निर्धारित दूरी से गिराने की कोशिश करता है। जैसे ही वह इन पत्थरों को गिराने में सफल होता है। दूसरी टीम के खिलाड़ी उसे गेंद की मदद से चेंज करते हैं।

गेंद पत्थर गिराने वाले खिलाड़ी की टीम के किसी साथी को छुए, इससे पहले उन्हें गिरे हुए समतल पत्थरों को सजाकर  पिट्ठू गरम बोलना पड़ता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो वह टीम से बाहर हो जाता है।

यह सिलसिला टीम के आखिरी खिलाड़ी तक चलता रहता है। एक बात और इस खेल को कितने भी खिलाड़ी खेल सकते हैं। बस दोनों टीमों में खिलाड़ी की संख्या बराबर रखनी होती है।  

पिठ्ठू गरम -बचपन के खेल

8. रस्सी कूदना

आमतौर पर यह खेल लड़कियों का फेवरेट होता है। मगर इसे लड़के भी खेल सकते हैं। इसे खेलने के कई तरीके हैं। पहले तरीके में आप इसे अकेले एक रस्सी की मदद से खेल सकते हैं।

दूसरे तरीके में तीन खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है। पहले दो खिलाड़ी इसके दोनों सिरों को पकड़ते हैं। वहीं तीसरा लगातार रस्सी के बीच में कूदता है। उसे इसका ख्याल रखना होता है कि रस्सी उसके पैर में न फंसे।

अगर वह इसमें असफल होता है, तो उसे आउट माना जाता है। इसमें जो खिलाड़ी ज्यादा बार जंप करता है। वह इसका विनर माना जाता है। इसकी खेल की खासियत है कि इसे वजन घटाने के लिए भी खेला जाता है।

9. लंगड़ी टांग

रस्सी कूद की तरह इस खेल को भी ज्यादातर लड़किया ही खेलना पसंद करती है। इसमें चॉक या लाल पत्थर की मदद से विशेष आकृति के छोटे-छोटे डिब्बे बनाए जाते हैं। फिर चपटे पत्थर को इन डिब्बों में पैर की मदद से डालना होता है, वो भी बिना लाइन को छुए हुए।

अंत में एक पैर पर खड़े रहकर इसे एक हाथ से बिना लाइन को छुए उठाना पड़ता है।  इस खेलने को खेलने के दूसरे तरीके भी हो सकते हैं। डिपेंड करता है कि हम कहां खेल रहे हैं और कितने लोग खेल रहे हैं।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.