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सोनू सूद ने कोरोना महामारी पीड़ितों की ओर से एक सवाल डॉक्टर्स से पूछा है कि आखिर वे ऐसी दवाएं या इंजेक्शन लिख ही क्यों रहे हैं जो मार्केट में उपलब्ध ही नहीं हैं। गौरतलब है कि पहले लॉकडाउन में प्रवासियों की घर वापसी, जरूरतमंदों की मदद के साथ ही साथ अब सोनू कोरोना पेशेंट्स के लिए बेड, वेंटिलेटर और दवाओं-इंजेक्शन का इंतजाम करवा रहे हैं।

जान बचाने दूसरे विकल्प क्यों नहीं बताते
सोनू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है, जिसमें कहा है- “एक सिम्पल सा सवाल। जब हर कोई जानता है कि एक इंजेक्शन विशेष कहीं भी उपलब्ध नहीं है तो हर डॉक्टर केवल उन्हीं इंजेक्शन को ही रिकमंड क्यों कर रहा है। जब हॉस्पिटल्स को ही दवाएं नहीं मिल सकती हैं तो आम आदमी को कैसे मिल पाएगी। हम क्यों उन दवाओं के सब्स्टीट्यूट का यूज नहीं कर रहे और जान बचा रहे।”

कुछ यूजर्स ने दिया समाधान
सोनू के इस सवाल का कुछ यूजर्स ने भी समाधान दिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल ने लिखा- कुछ दवाओं के अल्टरनेटिव्स नहीं होते हैं। अगर आप लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी की बात करें तो इसका अभी तक कोई भी ज्ञात अल्टरनेटिव नहीं है। वे केवल वहीं प्रिस्क्राइब कर सकते हैं जो मेडिकल साइंस ने उनके लिए बनाया है। दवाइयां उपलब्ध होती रहें, ये सिस्टम की जवाबदारी है डॉक्टर्स की नहीं।

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