blank 3 21

कोरोना से महामारी के दौर में कई हृदय विदारक घटनायें सामने आ रही हैं. बेगूसराय के सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति का शव 6 दिनों तक पडा रहा. उसकी पत्नी को क्वारंटीन सेंटर में डाल दिया गया. न ससुराल वाले अंतिम संस्कार के लिए आये न मायके वाले. आखिरकार पत्नी क्वारंटीन सेंटर से भाग निकली और अकेले श्मशाम घाट जाकर पति का अंतिम संस्कार किया.

Also read: अब सीमांचल से दरभंगा एयरपोर्ट पहुचने में लगेगा कम समय, फोरलेन बनेगा दरभंगा-जयनगर नेशनल हाइवे

पत्नी का आखिरी कर्तव्य निभाने के लिए हर बाधा को पार किया

Also read: बिहार में सताएगी चिलचिलाती गर्मी, इन 8 जिलों में अगले 3-4 दिन बरपेगा गर्मी का कहर

मामला मुंगेर के रामनगर बडैचक पाटन गांव का है. एक सप्ताह पहले इस गांव के 28 वर्षीय विकास मंडल की हालत कोरोना संक्रमित होने के बाद बिगड गयी थी. पत्नी उसे इलाज के लिए बेगूसराय के सदर अस्पताल में लेकर आयी. बेगूसराय सदर अस्पताल में विकास मंडल की मौत 13 अप्रैल को ही हो गयी. अपने पति के साथ अकेली कंचन देवी को कुछ नहीं सूझ रहा था कि वह क्या करे.

Also read: Bihar Weather Today: बिहार में कही बारिश होने की संभावना, तो कही लू का अलर्ट

ससुराल से लेकर मायके वालों ने मुंह फेरा

Also read: बिहार में बनने जा रही है चमचमाती एलिवेटेड सड़क, खर्च होंगे 15000 करोड़

विकास मंडल की मौत के बाद उसके अपने परिजनों ने ही मुंह फेर लिया. कंचन देवी अपने ससुराल पाटन गांव में अंतिम संस्कार के लिए लोगों से मदद मांगने गयी लेकिन कोई नहीं सामने आया. कंचन देवी की मां उसके ससुराल पहुंची. लेकिन दो महिलायें क्या करती. लिहाजा दोनों ने तय किया कि कंचन के मायके चल कर मदद मांगी जाये. कंचन देवी अपनी मां के साथ मायके पहुंची. उसका मायका समस्तीपुर के विभूतिपुर पतैलिया गांव में है. कंचन जब अपने मायके पहुंची तो गांव वालों ने शव जलाने में मदद करने के बजाय कंचन और उसकी मां को क्वारंटीन सेंटर में डाल दिया. 

पति को आखिरी विदाई लेने के लिए भाग निकली कंचन देवी

6 दिनों तक क्वारंटीन सेंटर में कैद रहने के दौरान कंचन देवी अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए गुहार लगाती रही. लेकिन किसी ने मदद नहीं की. आखिरकार 18 मई को कंचन देवी क्वारंटीन सेंटर से भाग निकली. वह बेगूसराय सदर अस्पताल में पहुंची जहां 13 मई से ही उसके पति की लाश पडी थी. अस्पताल प्रबंधन ने एसडीओ संजीव कुमार चौधरी के मामले की जानकारी दी. एसडीओ के निर्देश के बाद कंचन देवी को उसके पति के शव के साथ सिमरिया घाट भेज दिया गया. कंचन देवी ने अकेले अपने पति का अंतिम सस्कार किया.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.