एक ऐसा शिक्षक जिसने जिंदगी में अपने कर्तव्य को पूरी शिद्दत से अंजाम दिया। कोरोना काल में जहां ड्यूटी लगाई गई उसे पूरी ईमानदारी से निभाया..लेकिन आखिर में खुद कोरोना से हार गए। उन्होंने तीन साल में सिर्फ 3 छुटि्टयां ली थीं। हम बात कर रहे हैं, नवीबाग प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक एसपी गोस्वामी की। इनकी 5 दिन पहले ही कोरोना से मौत हुई है। 6 अप्रैल को एसडीएम गोविंदपुरा ने गोस्वामी की वैक्सीनेशन सेंटर पर ड्यूटी लगाई थी। इसी दौरान वे संक्रमित हुए थे। वे भोपाल जिले के पहले शिक्षक हैं जिनकी कोरोना ड्यूटी के दौरान मौत हुई।
गोस्वामी की 4 बेटियां हैं। दूसरी बेटी नेहा की शादी 26 मई को होना थी। अयोध्या बायपास इलाके में रहने वाले एक परिवार में उसका रिश्ता तय हुआ था। लेकिन वो इस खुशी को करीब से महसूस कर पाते, इससे पहले ही कोरोना ने 12 मई को उन्हें छीन लिया। गोस्वामी की बेटियों ने बताया कि शिक्षक होने के अलावा पापा बूथ लेवल ऑफिसर की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे। उन्होंने कभी किसी ड्यूटी के लिए इंकार नहीं किया। पिता की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे से उबर नहीं पा रहा है। बेटियां कहती हैं-पापा की कर्तव्यपरायणता और समर्पण पर गर्व है।
28 अप्रैल को हुए थे कोरोना पॉजिटिव
28 अप्रैल को बुखार आया तो गोस्वामी ने टेस्ट कराया। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। निशातपुरा क्लस्टर में पदस्थ नवी बाग स्कूल की मॉनिटरिंग करने वाले जन शिक्षक उपेंद्र कौशल के मुताबिक गोस्वामी ने मेडिकल आधार पर या अर्जित अवकाश जैसी कोई लंबी छुट्टी कभी नहीं ली।
कोरोना योद्धा मानें
दामाद कुणाल गोस्वामी ने बताया कि पिछले साल प्रशासन द्वारा कोरोना से निपटने के लिए लगाई गई ड्यूटी के दौरान बेहतर कार्य करने पर उन्हें कोरोना वॉरियर्स का प्रमाण पत्र भी दिया गया था। शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता सुभाष सक्सेना कहते हैं कि कोविड-19 ड्यूटी के दौरान वे संक्रमित हुए हैं। तय नियमानुसार उन्हें कोरोना योद्धा मानकर समुचित मुआवजा दिया जाए। डीईओ नितिन सक्सेना का कहना है कि संकुल से प्रतिवेदन बुलवाया गया है। प्रशासन के निर्देशानुसर प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया जाएगा
साभार – dainik bhaskar