कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने वाले ग्रामीण इलाकों में भी लोगों की जागरुकता की तस्वीरें सामने आ रही हैं। कहीं पर लोग जनता कर्फ्यू लगा रहे हैं तो कहीं पर गांव की सीमाएं सील की जा रही हैं। सागर जिले के चौकी गांव के लोगों ने एक अनूठा निर्णय लिया है। इसके तहत बिना मास्क के घूमने और भीड़ जुटाने वाले लोगों को 5-5 पौधे लगाने की अनूठी सजा दी जा रही है। सजा देने का यह निर्णय ग्रामीणों का ही है।
दरअसल, हाल ही में ग्राम स्तर पर भी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए गए हैं। उन्होंने ही तय किया है कि यह सजा सिर्फ कागजों तक ही सीमित नही रहेगी, लिहाजा जो व्यक्ति कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जा रहा है, उसे 24 घंटे का समय 5-5 पौधे उपलब्ध कराने के लिए दिया जा रहा है। जो ऐसा नहीं कर रहे उनसे प्रति पौधे के हिसाब से 10-10 रुपए का फाइन लिया जा रहा है। फिर इन पैसों से नर्सरी से पौधे खरीदे जा रहे हैं। चूंकि अभी गर्मी तेज है, जलसंकट भी है। ऐसे में इन पौधों को ग्राम पंचायत भवन परिसर में रखा जा रहा है।
सुबह-शाम पानी डालकर उनकी देखभाल भी की जा रही है। ताकि बारिश का सीजन आने पर इन्हें सही जगह रोपा जा सके। इसके लिए गांव में ही एक स्थान भी तय कर लिया गया है। जिसे ऑक्सीजन वाटिका नाम दिया गया है। ताकि जब यह पौधे कुछ सालों बाद पेड़ बनेंगे तो लोग इन्हें देख कर यह याद करेंगे कि कोरोना संक्रमण के दौरान ग्रामीणों ने भविष्य में ऑक्सीजन संकट दूर करने का दूरदर्शी निर्णय लिया था जो अब काम आ रहा है।
अब सब निभा रहे जिम्मेदारी, सजा होते ही तुरंत लाकर देते हैं पौधे
गांव के अनिरुद्ध सिंह यादव ने बताया क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई थी। जिसमें युवाओं ने कहा कि कोरोना के दौरान सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन का ही रहा है। साथ ही समझाया कि जिस हिसाब से जंगल काटे जा रहे हैं, आने वाले समय में सांस लेना भी दूभर होगा। युवाओं के सुझाव पर ग्रामीणों की सहमति से यह तय हुआ कि कोविड गाइडलाइन का जो उल्लंघन करेगा उसे 5 पौधे लगाने की सजा दी जाएगी। हल्काईं आदिवासी ने बताया ऑक्सीजन इतनी कीमती होती है, यह हमें युवाओं से पता लगा। हम लोग अपने स्तर पर भी पौधरोपण करेंगे।
जिस व्यक्ति पर जुर्माना हुआ, उसकी ही रहेगी देखभाल की जिम्मेदारी
सचिव राकेश यादव ने बताया अब तक हुई कार्रवाई के चलते पंचायत भवन में 300 से अधिक पौधे एकत्र हो चुके हैं। इसके बाद ऑक्सीजन वाटिका में इन्हें बारिश आने पर जून माह के आखिर में रोपेंगे। जो पौधे जिस व्यक्ति द्वारा लाए गए हैं उनका रिकॉर्ड भी रखा जा रहा है। ऐसे में पौधे रोपने के बाद उनकी जिम्मेदारी भी संबंधितों को ही दी जाएगी। पंचायत भी अपने स्तर पर इनका रखरखाव करेगी।
साभार – dainik bhaskar