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मेरठ के सूरजकुंड श्मशान घाट की स्थिति इनदिनों बेहद खराब है. यहां पर लगातार बढ़ रहे कोविड मरीजों के शवों को जलाने के लिए जगह नहीं बची है. इसलिए शवों को खुले में जलाया जा रहा है, जिसकी वजह से शवों की राख और धुआं स्थानीय लोगों के घरों के अंदर तक जा रहा है. शवों की राख और धुएं से स्थानीय लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और बच्चे बीमार हो रहे हैं.

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बार बार शिकायत करने पर भी स्थानीय लोगों की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने घर में खुले में जल रही चिताएं और उनसे निकलती राख, धुएं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जो वायरल हो रहा है. वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद नगर आयुक्त श्मशान घाट का अवलोकन करने पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई और अपनी परेशानी बताई. स्थानीय लोगों ने नगर आयुक्त से कहा कि या तो शवों को श्मशान घाट के अंदर जलाया जाए या फिर कोई नई व्यवस्था की जाए. खुले में शवों को जलाने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं.

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घरों में घुस रही चिता की राख

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जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने दूसरे जिलों से शवों को लाकर सूरजकुंड श्मशान घाट में जलाने का आरोप भी लगाया है. वहीं महिलाओं ने घरों में चिता की राख की तस्वीरें दिखाईं हैं और बताया है कि बच्चे शवों को देखकर डर जाते हैं और घर के अंदर सहमे हुए से रह रहे हैं.

शवों को देख बच्चे हो रहे बीमार

स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चे दिन भर रोने, चीखने की आवाज सुनकर मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं. बच्चों में शवों को जलता देखने का डर इतना बढ़ गया है कि अब वो कमरे से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं. नगर निगम की शवों को श्मशान घाट पर खाली जगह पर जलाने की नई व्यवस्था का स्थानीय लोग खुल कर विरोध कर रहे हैं.

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