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नमन! एक एम्बुलेंस ड्राइवर की ये तस्वीर बता रही है कि ये लोग किन हालातों में काम कर रहे हैं

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कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश भर में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी देखी गई है. इस भयानक महामारी के दौरान लोग अंतिम संस्कार के लिए श्मशानों में जगह पाने के लिए रोते बिलखते देखे गए, इसके साथ ही अस्पतालों में बेड से लेकर दवाओं तक की कमी देखी गई लेकिन इन कमियों के बाद भी हमारे कोरोना वॉरियर्स पीछे नहीं हटे. इनकी मेहनत की कहानी आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली तस्वीरों की जुबानी कही जाती है. इस बार फिर से एक कोरोना वॉरियर की ऐसी तस्वीर वायरल हो रही जिसे देख कर आप समझ जाएंगे कि देश में कोरोना का संकट कितना गहराया हुआ है. 

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मणिपुर से है ये तस्वीर 

यह तस्वीर है 24 वर्षीय एक एंबुलेंस ड्राइवर की जिसका नाम संगमुआन बताया जा रहा है. संगमुआन मणिपुर के चुराचंदपुर के निवासी हैं. वह यहां के सीमओ में एंबुलेंस ड्राइवर का काम करते हैं. 248 रुपये की दहड़ी प्राप्त करने वाले संगमुआन की एक तस्वीर इस समय खूब वायरल हो रही है. यह तस्वीर उनके ही एक दोस्त ने अपने फोन से खींच कर ट्विटर पर पोस्ट कर दी जिसके बाद लोग इस पर प्रतिक्रिया देने लगे और देखते ही देखते इनकी ये तस्वीर वायरल हो गई.

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तस्वीरें बोलती हैं 

कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि उसे बोल कर बयां नहीं करना पड़ता बल्कि एक तस्वीर ही सारा हाल कह देती है. संगमुआन की तस्वीर भी ऐसी ही है. वह इस फोटो में पीपीई किट पहने हुए एक बड़े पेड़ के तने से टेक लगा कर पेड़ के नीचे आराम कर रहे हैं. फोटो में साफ दिख रहा है कि संगमुआन इतना थक चुके हैं कि वह पीपीई किट समेत ही पेड़ के नीचे निढाल होकर सुस्ताने लगे हैं.

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क्या कह रहे हैं लोग 

संगमुआन की ये फोटो गोलन नौलक नामक एक यूजर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है. उन्होंने इस तस्वीर के साथ लिखा है कि ये मेरा 24 वर्षीय युवा दोस्त संगमुआन है. एंबुलेंस के अनगिनत ट्रिप लगाने के बाद इसकी हालत ऐसी हो गई है. यह सीमओ चुराचंदपुर में ड्राइवर का काम करता है. काम के बदले इसे 248 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलते हैं. अपनी जान जोखिम में डालने के बदले इसे इसके वेतन के अलावा और कुछ नहीं मिलता. इन फ्रंटलाइन वर्कर्स को हमारे सपोर्ट की जरूरत है.” इसके साथ ही गोलन नौलक ने लोगों से सहायता राशि जुटाने की भी मांग की है जिससे ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर्स की मदद की जा सके.

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