कहते हैं जब आपका दिल (Heart) किसी के बारे में बहुत ज्यादा पॉजिटिव सोचने लगता है और उसके लिए धड़कने लगता है तो इसका मतलब आपको उस शख़्स से प्यार (Love) हो गया है. हालांकि किसी से प्यार होने के पीछे कई साइंटिफिक वजहें हो सकती हैं. दरअसल ये एहसास हमारे दिल से नहीं आते हैं, जैसे कि फिल्मों में अक्सर दिखाया जाता है. ये सबकुछ हमारे दिमाग से जुड़ा हुआ होता है. हमारा शरीर उसी के अनुसार अपना रिएक्शन देता है.  माउंटएलिजाबेथ में छपी खबर के अनुसार साइंस की मानें तो किसी के प्यार में पड़ने के पीछे कई तरह के कारण होते हैं. इसकी वजह से हॉर्मोन्स (Hormones) मजबूत हो जाते हैं और किसी व्यक्ति के प्रति उसका झुकाव बढ़ जाता है. आइए जानते हैं आखिर प्यार होने के पीछे क्या कारण होता है. प्यार में पड़ने के तीन स्टेज होते हैं जिसमें लस्ट, अट्रैक्शन, और अटैचमेंट शामिल हैं. सभी तीन स्टेज अलग-अलग हॉर्मोनल रिस्पॉन्स से जुड़े हुए हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.

लस्ट

यह शरीर का एक लिम्बिक सिस्टम है. शुरुआत में यह यौन आकर्षण होता है जिसे हम उस व्यक्ति की ओर महसूस करते हैं, जिससे हम आकर्षण पा रहे होते हैं. एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन इस भावना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं. Norepinephrine या PEA- प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एम्फैटेमिन है जो इस फन या लस्ट के अनुभव को तेजी से बढ़ाता है और भूख को कम कर देता है. ऐसे में किसी खास व्यक्ति के प्रति आकर्षण बढ़ता रहता है.

अट्रैक्शन

यहीं से टोटल फन शुरू होता है. यह स्टेज फर्स्ट बायोलॉजिकल रिस्पॉन्स के बाद शुरू होता है. साथ ही यह कई हॉर्मोनल रिस्पॉन्स को ट्रिगर करता है. किसी व्यक्ति के साथ प्यार में पड़ना वास्तव में शरीर में स्ट्रेस रिस्पॉन्स का कारण होता है. ऐसे में हो सकता है कि एड्रेनालाईन में यह संभावना है कि आपने इन लक्षणों का अनुभव किया हो. रेसिंग हार्टबीट, मुंह का सूखना, पसीना आना, यह सभी रिएक्शन एड्रेनालाईन को ट्रिगर करता है. वहीं प्यार में होने के चलते शरीर को न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसे हैप्पी हॉर्मोन के रूप में भी जाना जाता है. दिल में खुशी की भावना के लिए डोपामाइन जिम्मेदार होता है. इससे एनर्जी और फोकस बढ़ता है और भूख बहुत कम लगती है. ऐसे में व्यक्ति विशेष से अट्रैक्शन नजर आता है.

अटैचमेंट

अटैचमेंट में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का उत्पादन होता है. ऑर्गेज्म के दौरान ऑक्सीटोसिन के स्तर में बढ़त होती है. यह लोगों को एक दूसरे से बांधने का काम करता है. यह जन्म के तुरंत बाद मां और बच्चे के रिश्ते में भी अहम रोल निभाता है. यह अनिवार्य रूप से स्तन को दूध छोड़ने के लिए संकेत देता है जब बच्चे को इसकी जरूरत होती है. इसके अलावा इसमें वासोप्रेसिन नामक हॉर्मोन का भी उत्पादन होता है. यह किडनी में काम करता है और प्यास को नियंत्रित करता है. यह हॉर्मोन सेक्स के तुरंत बाद रिलीज हो जाता है. यही नहीं ये सेक्स करने और पार्टनर को पसंद करने में अहम भूमिका में निभाता है. इसके अलावा यह हेल्दी होता है और लंबे वक्त तक रिलेशनशिप की बॉन्डिग को बनाए रखने का काम करता है.

साभार – News 18

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