इस हफ्ते साल का पहला साइक्लोन (चक्रवात) अरब सागर में बन सकता है, क्योंकि 14 मई की सुबह दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह पूर्वी-मध्य अरब सागर में 16 मई के करीब एक चक्रवाती तूफान के रूप में तेज हो सकता है और यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि 16 मई को आने वाले चक्रवाती तूफान की वजह से 14 से 16 मई के बीच में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में भी भारी बारिश हो सकती है। यह साइक्लोन इस साल का पहला चक्रवात होगा। जब यह चक्रवातू तूफान में तब्दील होगा, जब इसके बनने पर इसे तौकते कहा जाएगा। इस बार इसका नाम म्यांमार ने दिया है। ऐसी संभावना है कि इस साल का यह पहला चक्रवात 20 मई को उत्तर गुजरात या कच्छ क्षेत्र से गुजर सकता है।
भारतीय मौसम विभाग की साइक्लोन इंचार्ज सुनीता देवी ने कहा कि इस बार साइक्लोन के मॉडलों के बीच काफी भिन्नताएं हैं। कुछ मॉडल दिखा रहे हैं कि यह साइक्लोन ओमान के तट से गुजर सकता है तो कुछ मॉडल दक्षिण पाकिस्तान की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसका मतलब यह भी होगा कि यह साइक्लोन गुजरात के कुछ हिस्सों को भी प्रभावित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही हम चक्रवात के लैंडफॉल को लेकर कुछ कह सकते हैं। फिलहाल यह संदेश मुख्य रूप से है कि 14 मई तक पश्चिमी तट से मछुआरों की वापसी सुनिश्चित की जाएगी क्योंकि इस दौरान समुद्र उबड़-खाबड़ होगा। हम कम दबाव वाले क्षेत्रों बनने के बाद लक्षद्वीप, केरल, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु के घाट क्षेत्रों और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में गंभीर मौसम और भारी वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं।
मौसम विभाग की मानें तो निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे तेज होने की संभावना है। यह 16 मई के आसपास पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और तेज हो सकता है, साथ ही उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रख सकता है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि लक्षद्वीप के अधिकांश स्थानों पर 13 मई को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है और 14 मई को भारी बारिश हो सकती है। 14 और 15 मई के बीच केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी भारी बारिश की संभावना है।
साभार – hindustan