भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच नए केसों और मौतों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पिछले चार दिनों से देश में लगातार 4 लाख के ऊपर केस आ रहे हैं, जबकि मौतों का आंकड़ा भी चार हजार के पार जा चुका है। इन हालात के चलते 2014 से लेकर अब तक यह पहला मौका है, जब भाजपा और आरएसएस पूरी तरह बचाव की मुद्रा में हैं। संगठन अब तक इसे लेकर भी अनिश्चित है कि लोगों से कोरोना की दूसरी लहर के बारे में कैसे बात करे।

भाजपा और संघ में मौजूदा समय में इस बात पर सहमति है कि कोरोना का डर इस वक्त हर परिवार को छू चुका है और लोगों को किसी भी तरह यकीन दिलाने में काफी मेहनत और उपलब्दि दिखाने की जरूरत पड़ेगी। इसी के मद्देनजर पार्टी और संघ में कुछ आवाजें सरकार की कोरोना से निपट रही टीम में बदलाव की भी अटकलें लगा रही हैं, ताकि कोरोना फ्रंट पर कदम उठाए जा सकें।

द संडे एक्सप्रेस ने कोरोना से बिगड़ती स्थिति और सरकार की प्रतिक्रिया में हो रही देरी पर केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा-संघ के कार्यकर्ताओं से बात की। इसमें सभी की तरफ से साझा चिंता कोरोना की लहर के अचानक और अप्रत्याशित तौर पर आने को लेकर जताई गई। जब उन्हें बताया गया कि मुंबई में फरवरी के मध्य में तेज लहर आई थी, इसमें सरकार को ऑक्सीजन की कमी से लेकर कोरोना के नए स्वरूप के लेकर चेतावनी मिली थी और सरकार के पास तैयारी का समय भी था। इस पर नेताओं का कहना था कि किसी ने भी इतनी खतरनाक लहर की उम्मीद नहीं की थी।

कम ही नेता इस बारे में चर्चा करना चाहते हैं कि केंद्र ने किस तरह स्थिति की गलत समीक्षा की। यहां तक कि ज्यादातर नेता तो नेतृत्व की गलती मानने से भी बचते दिखे। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक साधी गई चुप्पी पर एक केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकार की तरफ से लोगों को यकीन दिलाने वाली आवाज उठनी जरूरी है। यह पूरी स्थिति चुनौतीपूर्ण है।” एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस लहर ने हमें चौंकाया है।”

एक और मंत्री ने कहा, “अचानक से ही कोरोना केस ऊंचाई पर पहुंच गए। आज देश में हर परिवार में डर है।” एक चौथे मंत्री ने कहा, “कई बार अनपेक्षित चीजें हो जाती हैं। इन हालात में हर योजना कम पड़ रही है। थोड़ा हताशा का भाव है…थोड़ी ढिलाई हुई…लेकिन जनता ने भी ढिलाई की। उन्होंने पहली लहर के बाद मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपीलों को नहीं माना।” हालांकि, मंत्री ने यह भी कहा कि इस वक्त वे लोग सरकार को बदनाम करने की कोशिशें कर रहे हैं, जो हर नीति के लिए सरकार पर हमला करते हैं।

साभार – jansatta

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