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कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन व नाइट कर्फ्यू के बाद मजदूरों के पलायन की पीड़ा फिर शुरू हो गई है। ऐसा ही मामला जालंधर में आधी रात को रामा मंडी चौक पर देखने को मिला। जहां 80 सीट की बस में करीब 150 मजदूरों को ठूंसा गया था। उनसे 2 से 3 हजार किराया वसूला गया। कुछ मजदूर गुरदासपुर व होशियारपुर तो बाकी जालंधर से चढ़ाए गए। जो मजदूर सीट में ज्यादा लोग बिठाने या किराए पर कुछ कहता तो उसके साथ मारपीट की जाती।

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आधी रात को टैक्सी यूनियन के विरोध के बाद जालंधर कैंट पुलिस ने बस जब्त कर ली तो मजदूर सिर पर सामान लादकर पैदल ही बिहार की तरफ चल पड़े। हालांकि उनमें खौफ इतना है कि कोई अपना नाम तक बताने को तैयार नहीं हुआ।

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4 की जगह 6 बिठाए, पूछा तो मुझे थप्पड़ मारा, पैसे भी नहीं लौटाए
जालंधर से रात को ही लुधियाना की तरफ पैदल जा रहे श्रमिक पंकज ने कहा कि उनसे 2250 रुपए लिए। पहले कहा कि एक सीट पर चार लोग बैठेंगे। उनको बिहार छोड़ देंगे। जब बैठ गए तो 6 लोगों को बिठाने लगे। उसने कहा कि पहले तो 4 ही कहा था तो मुझे थप्पड़ मारा गया। मजदूरों ने कहा कि जब वो बस में बैठे तो उनसे पैसे ले लिए। इसके बावजूद उन्हें कोई टिकट नहीं दी गई। बस चुपचाप सीट पर बैठने के लिए कहा गया। फिर उन्हें जालंधर में उतार दिया गया तो उनके पैसे भी नहीं लौटाए गए। अब कोई हमें बताए कि हम क्या करें?। हम तो किसी को जानते या पहचानते भी नहीं हैं।

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रात को अब हम क्या करें…. सड़क पर उतार दिया
मजदूरों ने कहा कि रात को उन्हें जालंधर में उतार दिया गया। भूख से बचने के लिए सब गांव जाना चाहते थे। इसके लिए 2 हजार से 2200 रुपए तक पैसे भी दिए। अब उन्हें उतार दिया गया है तो वो कहां जाएं? रात का वक्त है, अब फिर हमें पैदल ही रास्ते पर चलना पड़ेगा।

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इस बार प्रशासन से सरकार तक खामोश
पिछले साल मार्च महीने में कर्फ्यू में मजदूर परेशान हुए तो प्रशासन से लेकर सरकार तक भरोसा दिलाती रही कि उनका ख्याल रखेंगे। मजदूर पैदल व साइकिल पर चल पड़े तो उनके लिए ट्रेन की व्यवस्था कराई। इस बार में न प्रशासन ने कोई सुध ली है और न ही सरकार इस तरफ कोई ध्यान दे रही है।

पुलिस ने केस दर्ज कर निभाई ड्यूटी
पुलिस ने इस मामले में थाना कैंट में बस के ड्राइवर हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव धाणी ठेठर के राकेश कुमार और UP वाराणसी के गांव बीराभट्‌टी के रहने वाले कंडक्टर चंदन कुमार प्रजापति के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के उल्लंघन का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बस में 25 सवारियां ले जाने की अनुमति है लेकिन उसके भीतर करीब 130 सवारियां बैठी थी। जिसके बारे में ड्राइवर व कंडक्टर कोई ठोस जवाब न दे सके

input – Dainik Bhaskar 

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