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देश में तेज गति से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बीच ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग और उन्हें जल्द रिपोर्ट देने की बड़ी चुनौती है। इस वक्त आलम यह है कि कोविड टेस्ट रिपोर्ट आने में 3-5 दिनों का वक्ल लग जा रहा है। इस वजह से पटना हाई कोर्ट समेत देश की कुछ और अदालतों ने सरकारों को इसमें तेजी लाने को भी कहा है। फटाफट लोगों की टेस्ट कर उनमें से कोविड पेशेंट की पहचान करने के लिए बिहार के भागलपुर स्थित ट्रिपल आइटी ने काफी उपयोगी आविष्कार किया है। कॉलेज छात्रों ने एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया है जिसके जरिए दो सेकेंड में कोविड पेशेंट की पहचान संभव हो सकेगी।

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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी भागलपुर (ट्रिपल आइटी) की ओर से कोरोना जांच सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है, जिसे मान्यता देने की कवायद शुरू की गयी है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की इकाई आइसीएमआर ने सलाहकार समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्य हाल ही में सॉफ्टवेयर के जरिए कोविड पेशेंट की रिपोर्ट का आंकलन करेंगे। इसके बाद इस सॉफ्टवेयर को मान्यता मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद इसके जरिए कोविड टेस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

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इस सॉफ्टवेयर के आने के बाद RTPCR टेस्ट की नहीं होगी जरूरत
ट्रिपल आइटी भागलपुर के निदेशक डॉ. अरविंद चौबे ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग पटना में एम्स में शुरू हो गई है। पटना एम्स में अगले 2-3 दिनों तक कई कोविड मरीजों के एक्सरे और सिटी स्कैन इमेज की जांच कोविड डिटेक्टिंग सॉफ्टवेयर के जरिए की जायेगी। #

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इसके बाद मरीज के निगेटिव या पॉजेटिव होने की रिपोर्ट को सलाहकार समिति अध्ययन करेगी। इसके बाद इस रिपोर्ट को आइसीएमआर को भेजा जायेगा। माना जा रहा है कि आइसीएमआर इस सॉफ्टवेयर की मान्यता को लेकर सोमवार तक फैसला ले सकता है।

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