भारत में अचानक कोरोना की दूसरी लहर के बीच अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी देखने को मिल रही है. एक्सपर्ट्स (Experts) का कहना है कि अगर 6 पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगाए गए होते तो देश में कभी भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होती. जहां पहले पेड़ों से ऑक्सीजन मिलती थी, अब फैक्टरी में इनका निर्माण होने लगा है.

समय के साथ आधुनिक होती दुनिया ने पेड़ों की जमकर कटाई की, जिसका नतीजा निकला पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी. अब एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अगर दुनिया में पेड़ ना हों, तो कितनी भी फैक्ट्री लगा दें, ऑक्सीजन की कमी होगी ही. उन्होंने 6 तरह के पेड़ों के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को अभी भी जागरूक होकर इन 6 तरह के पेड़ों को लगाना चाहिए.

Also read: Special Train News: झारखंड को मिली एक और नई स्पेशल ट्रेन की सौगात, झारखंड से राजस्थान आना जाना होगा आसान, जाने शेडुअल…

Also read: Haryana Weather: हरियाणा में अगले 3 दिनों तक आंधी – तूफान के साथ होगी मुश्लाधार बारिश, जाने हरियाण में आज कैसा है मौसम
neem ka ped

नीम का पेड़
नीम के पेड़ में कई औषधीय गुण हैं. ये पेड़ पर्यावरण को साफ़ रखने में मदद करता है. ये एक तरह से नेचुरल एयर प्यूरीफायर है. ये वातावरण में मौजूद गंदगी को साफ़ कर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि नीम के पेड़ को लगाने से आसपास की हवा में मौजूद बैक्टेरिया मर जाते हैं.

jamun ka ped

जामुन का पेड़
जामुन तो आपने काफी खाए होंगे. इसके बीज भी काफी फायदेमंद होते हैं. लेकिन इसके पेड़ को कम ना समझें. जामुन का पेड़ सल्फर और नाइट्रोजन जैसे गैसों को शुद्ध बना देता है. साथ ही काफी ज्यादा ऑक्सीजन भी रिलीज करता है.

bargad ka ped

बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ को नेशनल ट्री कहा जाता है. हिन्दुओं में भी इस पेड़ की पूजा की जाती है. ये पेड़ भी काफी विशाल होता है. बरगद के पेड़ की एक खासियत है कि ये पेड़ कितना ऑक्सीजन बनाएगा, ये बात इसकी छाया पर निर्भर करता है. यानी जितना बड़ा और घना पेड़ होगा, उतनी ही ज्यादा इससे ऑक्सीजन मिल पाएगी.

ashok ka ped

अशोक का पेड़
अशोक का पेड़ भारी मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण कर पर्यावरण में छोड़ता है. इसे लगाने से ना सिर्फ ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है बल्कि ये पेड़ दूषित गैसों को भी सोख कर शुद्ध बना देती है.

arjun ka ped

अर्जुन का पेड़
अर्जुन के पेड़ का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है. इसे माता सीता का फेवरिट माना जाता है. इसके कई आयुर्वेदिक फायदे हैं. ना सिर्फ ये पेड़ ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है बल्कि दूषित गैसों को सोखकर शुद्ध बना देता है.

pipal ka ped

पीपल का पेड़
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीपल का पेड़ किसी अन्य पेड़ की तुलना में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का निर्माण करता है. ये पेड़ 60 से 80 फ़ीट तक लंबा हो सकता है. हिन्दुओं में तो इस पेड़ का धार्मिक महत्व भी है. ये पेड़ अपनी पूरी जिंदगी में इतना ऑक्सीजन बना सकता है जितना कई फैक्टरीज भी नहीं कर पाते हैं.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.