बिहार में जारी कोरोना त्रासदी के बीच सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच नवादा जिला में सरकारी अस्पताल की हकीकत जानने डीएम यशपाल मीणा और सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती आम आदमी बनकर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने शनिवार की देर रात नवादा सदर अस्पताल का औंचक निरीक्षण किया. डीएम और एसडीएम देर रात बिना लाव लश्कर के अचानक सदर अस्पताल पहुंच गए.
दोनो अधिकारी खुद बाइक चलाकर बिना गार्ड्स के अस्पताल एक आम नागरिक की तरह पहुंचे. कुछ देर तक दोनों अधिकारियों ने अपनी पहचान गुप्त रखी और अस्पताल के सभी वार्डों का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ यह जानना था कि कोरोना काल के दौरान रात में अस्पताल अपनी पूरी सेवाएं दे रहा है या नहीं. बाद में मौके पर मौजूद डॉक्टर एवं नर्स ने डीएम और एसडीएम को पहचाना.
जिलाधिकारी को देख सभी अचंभित हो गए. मौके पर मौजूूूद अस्पताल कर्मियों ने असपताल के अधीक्षक को इसकी सूचना दी. इंस्पेक्शन के दौरान कोविड डेडिकेटेट केअर यूनिट में सभी डॉक्टर और नर्स ड्यूटी पर तैनात मिले, वहीं अस्पताल के अन्य डॉक्टर भी ड्यूटी पर मौजूद मिले. इस दौरान एसडीएम ने एक इलाज़ कराने आये मरीज के परिजन से अस्पताल में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली जहां दंपति ने यह बताया कि उनकी सास की अचानक तबियत खराब हो गयी.
सदर अस्पताल के कॉल सेन्टर में फोन कर मरीज के स्थिति के बारे में बताया और उसे अविलंब भर्ती कराया, जहां डॉक्टर और नर्स की टीम ने तत्काल उनका इलाज शुरू किया और उनका ऑक्सीजन लेवल मैंटेन होने लगा.