बच्चों की कामयाबी के पीछे माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है। वे अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिये दिन-रात हर संभव प्रयास करतें हैं। इस पूरे संसार में मां ही एक ऐसी शख्स होती है जो बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे को सफलता के मार्ग में आगे बढ़ाने और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करती है।
इसके लिये वह अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करती है। एक मां खुद सभी प्रकार के कष्ट सहन कर अपने बच्चों को सारी सुविधायें उप्लब्ध करवाती हैं, ताकी उसके बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो और वह जीवन में आगे बढ़ते रहे। मां के बारें जितना भी कुछ कहा जाये, वह कम ही है। बच्चे कभी चाहकर भी अपने माता-पिता का कर्ज नहीं उतार सकते।
आज हम आपको एक ऐसी मां और बेटे के बारें में बताने जा रहें हैं जो अपने बेटे को सफल बनाने के लिये दिन-रात सिलाई करती रही। ख़ुशी की बात यह है कि उस मां के दोनों बेटों ने पढ़-लिख कर बड़ा अधिकारी बन एक मिसाल कायम कर दी।
![गरीबी के कारण माँ ने सिलाई कर पढाया अब दोनों बेटों ने IIT के बाद IAS बन कर माता-पिता का सपना पूरा किया 4 WhatsApp Image 2020 09 17 at 5.12.04 AM 1](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2020/09/WhatsApp-Image-2020-09-17-at-5.12.04-AM-1.jpeg)
सुभाष कुमावत राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनू गांव के रहनेवाले हैं। यह पेशे से दर्जी का काम करतें हैं। इनकी पत्नी का नाम राजेश्वरि देवी हैं। यह भी पति के साथ सिलाई का काम करती हैं। इनकी एक छोटी-सी सिलाई की दुकान है। सिलाई के दुकान से ही उनके घर-परिवार का भरण-पोषण होता है।
सुभाष कुमावत और राजेश्वरि देवी के 2 पुत्र हैं। एक बेटे का नाम पंकज कुमावत और दूसरे बेटे का नाम अमित कुमावत है। अमित और पंकज दोनों भाइयों ने IIT Delhi से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से B.Tech की पढ़ाई की हैं। दोनों भाईयों का सपना था कि वे सिविल सर्विस में जायें लेकिन इस सपने को पूरा करना आसान नहीं था। घर की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अपने बेटों के सपने को पूरा करने के लिये उनकी मां रातभर बिना सोये तुरपाई का काम करने लगीं और उनके पिता सिलाई का काम करते। वे चाहते थे कि उनके बेटे बड़े आदमी बने। ऐसे में आर्थिक तंगी को देखते हुयें बेटे को पढ़ाना बहुत कठिन कार्य था। लेकिन इसके बावजूद भी वे अपने बेटों की पढ़ाई के लिये किताबें, फीस, जरुरत की दूसरी सभी चीजों को उपलब्ध करवाते थे, ताकी उनके बेटों का सपना पूरा हो और वे एक दिन बड़े आदमी बन सके।
पंकज और अमित पढ़ाई में बहुत तेज थे। इसलिए उन्हें पढ़ाई करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होती थी। आमदनी को बढ़ाने के लिये पंकज और अमित की मां रात-रात भर कपड़ों की तुरपाई का काम करती थी, ताकी बेटों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कोई रुकावट न हो।
![गरीबी के कारण माँ ने सिलाई कर पढाया अब दोनों बेटों ने IIT के बाद IAS बन कर माता-पिता का सपना पूरा किया 5 WhatsApp Image 2020 09 17 at 5.12.05 AM](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2020/09/WhatsApp-Image-2020-09-17-at-5.12.05-AM.jpeg)
अपने माता-पिता के बलिदान और संघर्ष को देखकर पंकज और अमित दोनों भाईयों ने दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वह सपना जरुर पूरा करेंगें और अपने मां-बाप का सर गर्व से ऊंचा करेंगें। ये दोनों भाईयों ने जम कर तैयारी शुरु की और उनकी मेहनत रंग लाई। पंकज और अमित दोनों भाइयों ने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। यूपीएससी की परीक्षा में पंकज को 443वीं रैंक और अमित को 600वीं रैंक मिली। पंकज और अमित के सफलता के बारें में उनके माता-पिता को सूचना मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके आँखो से खुशी के आंसू छलक आये।