कोरोना के लगातार बेकाबू होते हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र के साथ-साथ तमाम राज्यों की सरकार अपने-अपने तरह से सभी प्रभावी कदम उठा रही है लेकिन इसपर फिलहाल कोई रोक लगता दिख नहीं रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के बीच एकबार फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन एक बार फिर शुरू हो गया है। इन मजदूरों के पलायन से रोकने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा ऐलान किया है।
दिल्ली सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों में से प्रत्येक को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव रखा और प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए एक समिति का गठन किया है। इस सिलसिले में दिल्ली सरकार ने मंगलवार को हाई कोर्ट में मजदूरों को 5 हजार रुपये की मदद देने का हलफनामा दायर किया।
दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सोमवार को घोषित छह दिवसीय लॉकडाउन की घोषण के बाद से ही उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों ने बस टर्मिनलों और रेलवे स्टेशनों पर भीड़ देखने को मिलने लगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक आदेश में कहा है कि दिल्ली सरकार की दृष्टि दैनिक राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को आश्रय, भोजन, पानी, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधा प्रदान करके उनका कल्याण सुनिश्चित करेगी।